
उत्तर प्रदेश:- उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भी मंदिर-मस्जिद का विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने अटाला मस्जिद को लेकर अटाला मंदिर होने का दावा किया है. इस को लेकर अब एसोसिएशन को अपना जवाब दाखिल करना होगा. हालांकि, अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी. दरअसल, जौनपुर के रहने वाले स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने इसी साल जौनपुर जिला कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर यह दावा किया था कि जौनपुर की अटाला मस्जिद, अटाला मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटाला देवी का मंदिर था. इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने कराया था.
इस पर जौनपुर के सिविल कोर्ट जज ने 29 मई को कोर्ट में केस दर्ज करते हुए सुनवाई का आदेश दिया था. जिस पर अटाला मस्जिद कमेटी की तरफ से इस आदेश को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. मुस्लिम पक्ष का दावा है कि स्वराज हिंदू एसोसिएशन का मुकदमा सुनवाई के लायक नहीं है, इसलिए निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए. हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 9 दिसंबर की तारीख तय की है.
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
इस को लेकर अटाला मस्जिद के वक्फ की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वादी पक्ष को मुकदमा करने का कोई अधिकार नहीं है. विवादित संपत्ति हमेशा से मस्जिद की रही है और यह कभी किसी दूसरे धर्म के कब्जे में नहीं रही है और न ही इस पर किसी का अधिकार है. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि विवादित संपत्ति मस्जिद के रूप में रजिस्टर्ड है और 1398 में इसके निर्माण के बाद से इसका लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है. मुस्लिम समुदाय यहां जुमे की नमाज सहित बाकी नमाज भी अदा करते हैं.”
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर साधा निशाना
अब इस विवाद को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया है. ओवैसी ने कहा, भारत के लोगों को इतिहास के उन झगड़ों में धकेला जा रहा है, जहां उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था. कोई देश सुपरपावर नहीं बन सकता, अगर उनकी 14 प्रतिशत आबादी इस तरह का दबाव झेल रही है तो. साथ ही ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा, वाहिणी परिषद सेना के पीछे सत्ताधारी सरकार का हाथ छिपा हुआ होता है. उनकी ड्यूटी है कि वो इबादत की जगह की रक्षा करें और इन झूठी लड़ाइयों को खत्म करें.