● बस्तर में सब खनिज संपदा होने के बाद भी स्थानीय लोग रोज़गार से वंचित ।
● बढ़ती बेरोज़गारी के लिए आरडी- कल्पतरु – एल&टी -सिक्किम मणिपाल जैसी कंपनियां जिम्मेदार
एस एच अजहर अमन पथ दंतेवाड़ा : एनएमडीसी की निर्माणधीन एसपी थ्री परियोजना में इन जैसी छोटी बड़ी कम्पनियों ने स्थानीयों को किया रोज़गार से वंचित ।
दंतेवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा ने एक बार फिर से स्थानीय बेरोज़गार के मुद्दे को ज़ोर शोर से उठाया है । एक बार फिर से एनएमडीसी किरन्दुल पर पक्षपात और भेदभाव के आरोप लगे है और आरोप भी ऐसे जिनसे कोई भी जिलावासी अछूता नही है । मुद्दा है स्थानीय बेरोजगारों को रोज़गार प्रदान करने का, अपने जारी वक्तव्य में तुलिका कर्मा ने इस बार शिक्षा और रोज़गार के मुद्दे पर कई बिंदुओं पर सवाल उठाए है और दंतेवाड़ा जिले के वासियो के रोज़गार के मांग की अपील है ।
किरन्दुल एनएमडीसी परियोजना अंतर्गत आज एसपी थ्री परियोजना में निर्माणधीन कार्यो में करोड़ो के टेंडर्स निकाल कर बड़ी बड़ी कंपनियों को बुलाया गया है परंतु ये बाहरी कंपनी यहाँ आकर खुद को मालिक समझ बैठी है और हमारे स्थानीयों का हक़ मारे जा रही है । इन बाहरी कंपनियों जैसे एल&टी – कल्पतरु – आरडीईईई – सिक्किम मणिपाल ने यहाँ करोड़ो कार्य कर रही है हमारे स्थानीय युवाओं को बेरोज़गार नही दे रही है और बल्कि बाहर से मजदूर बुला कर स्थानियों का हक़ मार रही है । एनएमडीसी परियोजना भी इस तरफ कोई ध्यान नही देते हुए सिर्फ हमारे खनिज संपदा के दोहन में लगा हुआ है । स्थानियो को रोजगार के तरीके उपलब्ध करवाने के बजाए ये बड़ी कंपनियां बाहर से लेबर तो ला ही रहे है अपितु जो कार्य और सामग्री स्थानीय लोगो से खरीदी जा सकती है उसके लिए भी अपनी टीम बैठा कर बाहर से सामग्री ला कर स्थानीय लोगो को छोटे कार्यो से भी वंचित कर दे रही है । आज ये कंपनियां हर तरीके से सिर्फ बाहरी लोगों से ही अपने कार्य करवा रही है और सिर्फ हमारे लोगों का हक़ छीन रही है । इतने बड़े प्रोजेक्ट्स में जो छोटी छोटी निर्माण सामग्री स्थानीय लोगो से खरीदी जा सकती है उसे भी बाहर से मंगवा कर लोगो का रोज़गार छीना जा रहा है और दिखावे का मुखौटा पहन कर किसी एक दो स्थानीय ठेकदार का आगे कर उससे काम निकलवाया जा रहा है । तुलिका कर्मा ने अपने बयान में कहा कि यह सब सरासर गलत है और इन्ही सब हरकतों की वजह से आज हमारे स्थानीय लोग रोजगार के लिए भटक रहे है और काम की तलाश में कुछ लोगो को दूसरे राज्य पलायन कर जाते है ।
तुलिका कर्मा ने आगे कहा कि इन्ही सब अव्यवस्थाओं की वजह से स्थानीय युवा पढ़े लिखे होकर भी आज मायूस है एनएमडीसी ने दिखावे के लिए आईटीआई – डिप्लोमा और नर्सिंग जैसे कॉलेज तो खुलवा दिए पर उन्हें रोज़गार दिलवाने में नाकाम रही । जिस तरह से युद्धस्तर पर कार्य कर के एनएमडीसी अपने परियोजना को संवारने में लगी है उनका ज़रा सा भी ध्यान स्थानीय युवाओ के भविष्य को संवारने में नही है । एनएमडीसी को चाहिए कि उनके द्वारा संचालित कॉलेजेस के बच्चो को स्थानिय प्लेसमेंट उपलब्ध करवा कर इन बाहरी कंपनियों में रोज़गार प्रदान करवाये और न कि बाहरी राज्यो से आये मजदूरों को बढ़ावा दे । आज इन्ही सब अव्यवस्थाओं की वजह से हम विकसित नही हो पा रहे है और स्थानीय धरातल पर देखा जाए तो एनएमडीसी क्षेत्र से लगे हुए पांच किमी के दायरे में भी पंचायतों में मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नही हो पा रही है । तुलिका कर्मा ने कड़े शब्दों में कहा है कि अगर यह खेल बंद नही किया तो बहुत जल्द स्थानीय युवाओं को उनका हक दिलाने हड़ताल किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकाल तक यह हड़ताल जारी रहेगा ।