शौर्य की पराकाष्ठा के सामने कम आयु मायने नहीं रखती- सुखविंदर
सुरेश मिनोचा:मनेद्रगढ़/एमसीबी : सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों के शौर्य और बलिदान की स्मृति में पतंजलि योग समिति के द्वारा -“वीर बाल दिवस” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष वक्ता सुखविंदर टेक्सटाइल के संचालक सरदार सुखविंदर सिंह, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल की कक्षा नवमी की छात्रा आस्था सलूजा, विजय नर्सरी इंग्लिश मीडियम स्कूल की शिक्षिका रेखा निषाद, पतंजलि योग समिति के योग साधक रामसेवक विश्वकर्मा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह नीरज कुमार अग्रवाल (नीटू, )पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक एवं जिला प्रभारी सतीश उपाध्याय, ने , गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह की शौर्य एवं बलिदान के विभिन्न संदर्भों की जानकारी दी।
सिख पंथ की गरिमा और सम्मान की रक्षा हेतु गुरु गोविंद सिंह के साहबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के छोटी उम्र में ही किये गये अप्रतिम बलिदान को रेखांकित करते हुए सरदार सुखविंदर सिंह ने कहा- सिख समुदाय की शौर्य गाथा हमारी विरासत है एवं मानवता के विश्वास का सबसे बड़ा प्रतीक है। अजीत सिंह और जुझार सिंह चमकौर की लड़ाई में बलिदान दिए तो वहीं जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवारों में चुनवा दिया गया हमें इससे देशप्रेम की प्रेरणा लेनी चाहिए। इतिहास में उल्लेखित त्याग और बलिदान से जुड़े भारतीय इतिहास की परंपरा की चर्चा करते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सतीश उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बहादुर बच्चों की वीरता के पुरस्कार को प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस के दिन देने के निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर की।
श्री उपाध्याय ने कहा इससे गुरु गोविंद सिंह के साहबजादे का पराक्रम से जुड़ा जीवन संदेश देश के हर बच्चे तक पहुंचेगा एवं वे इनसे प्रेरणा लेकर देश के लिए समर्पित नागरिक बनेंगे। दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल की छात्रा आस्था सलूजा ने कहा कि जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया हमें अलग नजरिए से देखती है। आस्था ने कहा भारत वह देश है जहां चंद्रगुप्त मौर्य जैसे युवा एक महान साम्राज्य बना लेते है, भारत वह देश है जहां बालक ध्रुव कठोर तपस्या करता है, भारत वह देश है जहां एकलव्य जैसा वीर कठिन तपस्या करके दिखा देता है, भारत वह देश है जहां खुदीराम बोस, बटुकेश्वर दत्त, रानी गाडगुल्यू जैसे क्रांतिकारियों ने अपने शौर्य से आदर्श पेश किया। कार्यक्रम में कविता मंगतानी, रोशन जहां पिंकी रैना, दिवाकर मिश्रा,चरनजीत सिंह, अग्रवाल ब्रदर्स के संचालक जगदंबा अग्रवाल, आदि उपस्थित रहे ,कार्यक्रम का संचालन सतीश उपाध्याय ने किया।