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हिंदू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम और सिख भी पहुंचते हैं इस मंदिर, अद्भुत है यहां की मान्यता

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गोंडा जिले के करनैलगंज स्थित बटुक भैरव बाबा के मंदिर में एक ऐसा चमत्कारी पेड़ है, जो दांतों के दर्द से परेशान लोगों के लिए वरदान बन चुका है. मान्यता है कि इस पेड़ में लोहे की कील ठोकने से दांतों का दर्द गायब हो जाता है. ये पेड़ न केवल हिंदू समुदाय के लिए आस्था का प्रतीक है, बल्कि मुस्लिम और सिख समुदाय के लोग भी इसका फायदा उठाते हैं. ऐसे में इस आर्टिकल में जानिए इस खास परंपरा और इसके पीछे छुपे रहस्यों के बारे में.

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के करनैलगंज में स्थित बटुक भैरव बाबा के मंदिर परिसर में एक इमली का पेड़ है, जो दांतों के दर्द को दूर करने के लिए लोगों के बीच आस्था का केंद्र बन चुका है. इस पेड़ के बारे में लोगों का मानना है कि दांत में दर्द होने पर इसे छूने या इसमें लोहे की कील ठोकने से दर्द में आराम मिल जाता है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए इस इमली के पेड़ में लोहे की कील ठोकने की परंपरा है. ऐसा करने से दांतों में होने वाला दर्द तुरंत खत्म हो जाता है. इस वजह से लोग इसे एक चमत्कारी पेड़ मानते हैं.

बटुक भैरव बाबा मंदिर केवल हिंदू समुदाय का ही धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि मुस्लिम और सिख समुदाय के लोग भी यहां आकर इस परंपरा का पालन करते हैं. ये मंदिर गंगा-जमुना तहजीब का प्रतीक बनकर धार्मिक सद्भाव की मिसाल प्रस्तुत करता है.

मंदिर के महंत रमाशंकर गिरी के अनुसार, दांतों के दर्द से राहत पाने की ये परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है. लोग आज भी इस विश्वास के साथ यहां पहुंचते हैं और इस परंपरा का पालन करते हैं.

गोंडा जिले के इस मंदिर में स्थित पेड़ के बारे में स्थानीय लोगों के बीच गहरी आस्था और विश्वास है. ये पेड़ न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि ये एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी अस्तित्व में है, जो लोगों के दिलों में बस चुका है.

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