दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 1984 में हुए सिख दंगों के पीड़ितों को शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा में छूट को मंजूरी दी। इस फैसले के बाद रोजगार के लिए 88 आवेदकों को फायदा होगा। यह छूट एमटीएस के पद पर सरकारी सेवा में उनकी नियुक्ति के लिए दी गई है।
छूट की मांग के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, जनप्रतिनिधियों और पीड़ितों के समूहों ने एलजी से मुलाकात कर अपनी मांग रखी। उनकी मांग पर संज्ञान लेते हुए एलजी ने सिख दंगों के पीड़ितों के लिए 16 जनवरी 2006 को गृह मंत्रालय की नौकरियों के प्रावधान सहित पुनर्वास पैकेज को मंजूरी दी। इसके बाद राजस्व विभाग को बाद में एक विशेष अभियान में 72 आवेदन मिले। इसमें 22 आवेदकों को तत्कालीन एलजी से आयु में छूट प्राप्त करके नियुक्ति दी गई।
अक्तूबर 2024 में सक्सेना ने विशेष अभियान के दौरान प्राप्त कुल 72 आवेदकों में से छूटे हुए 50 आवेदकों के लिए एमटीएस के पद के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण छूट प्रदान की। राजस्व विभाग को उन आवेदकों के बच्चों में से एक को रोजगार देने के मामलों को संसाधित करने का भी निर्देश दिया गया, जिनमें आवेदक रोजगार की आयु पार कर चुके हैं। निर्देशों के बाद, राजस्व विभाग ने 28 नवंबर 24 से 30 नवंबर 24 के दौरान विशेष शिविरों का आयोजन किया।
इनके लिए रोजगार के आवेदन आमंत्रित किए। इसके बाद, कुल 199 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 89 उम्मीदवार योग्य पाए गए, लेकिन ये सभी आयु सीमा से ऊपर थे और कुछ आवश्यक शैक्षणिक योग्यता से भी चूक गए थे। छूट के लिए एलजी की मंजूरी से सरकारी सेवा में एमटीएस के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए 88 आवेदकों की बाधाएं दूर हो जाएंगी। फैसले के तहत 88 आवेदकों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा में 55 वर्ष तक की पूर्ण छूट स्वीकृत की गई।