रायपुर: जिले उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के 104 खाताधारकों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। इन खातों का उपयोग शेयर ट्रेडिंग, डिजिटल ठगी और अन्य तरीकों से प्राप्त किए गए ठगी के पैसों को जमा करने के लिए किए जाने की शिकायतें सामने आई थीं।
इन सभी खातों का विवरण केंद्र सरकार के समन्वय पोर्टल पर दर्ज है, जहां इन म्यूल खातों के जरिए ठगी के मामलों की जानकारी दी गई। जांच में पाया गया कि इन खातों में 38 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा की गई है।
अब सिविल लाइन थाना पुलिस इन म्यूल खातों की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
म्यूल अकाउंट क्या होते हैं?
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनका उपयोग अपराधी अपने अवैध धन को छुपाने और स्थानांतरित करने के लिए करते हैं। आज के समय में नकदी रखने और उसे लेन-देन में इस्तेमाल करने पर कड़े कानून लागू हैं। अगर अपराधी अपने व्यक्तिगत खातों का उपयोग करते हैं, तो KYC (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रियाओं की वजह से उनकी पहचान करना और पकड़ा जाना आसान हो जाता है।
म्यूल अकाउंट का संचालन इस तरह से किया जाता है कि अपराध से जुड़े पैसे को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में भेजकर उसकी जांच-पड़ताल से बचा जा सके। इस प्रक्रिया में, खाता धारक को कभी-कभी एक छोटे से लाभ का प्रलोभन दिया जाता है, जबकि उसे इस बात का अंदाजा नहीं होता कि उसका खाता गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है।
इस तरह के बैंक खातों का उपयोग मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराधों में किया जाता है। यह न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि खाता धारक को भी गंभीर कानूनी परेशानियों में डाल सकता है। इसलिए, लोगों को अपने बैंक खातों का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति को करने देने से पहले सतर्क रहना चाहिए और ऐसे किसी भी संदिग्ध प्रस्ताव को अस्वीकार करना चाहिए।