देश जल्द ही गणतंत्र दिवस मनाने वाला है, इस मौके पर आइए उस देशभक्ति गाने के बारे में जाना जाए, जो कि हर किसी की जुबां पर छाया रहता है. इस गाने की बोल है, ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी… ये गाना देशभक्ति के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है. ये गाना साल 1963 में बनाया गया था, उस वक्त दिल्ली में एक चैरिटी शो रखा गया था, जिसके लिए ये गाना बनाया गया था. इस देशभक्ति गाने को मशहूर कवि प्रदीप ने लिखा था, जिसमें लता मंगेशकर की आवाज ने चार चांद लगा दिया.
इस देशभक्ति गाने को पसंद करने वाले लोग तो काफी हैं, लेकिन इसको बनाने के पीछे की कहानी को बहुत कम लोग जानते हैं. साल 1990 में एक इंटरव्यू में इस गाने के लेखक ने इसके पीछे की कहानी से सभी को रूबरू करवाया था. उन्होंने बताया कि ये पूरा किस्सा साल 1962 का है, उस वक्त भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें भारत की हार हुई थी. पूरे देश में मायूसी छाई थी, इसी दौरान कवि प्रदीप समुद्र के किनारे टहलते हुए इस पूरी घटना के बारे में सोच रहे थे.
सिगरेट की डिब्बे पर लिखा गाना
टहलते हुए ही कवि के मन में कई ख्याल आने लगे, हालांकि उस वक्त उनके पास लिखने के लिए कुछ भी नहीं था. इसलिए उन्होंने पास के ही एक शख्स से पेपर और पेन मांगा, पेन तो उन्हें मिल गया लेकिन पेपर वहां कहीं नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी जेब से सिगरेट की डिब्बा निकाला और उसी पर लाइनों को लिखने लगे. उस दौरान देश की मायूसी कम करने के लिए सरकार भी हाथ पैर मार रही थी, उनके पास लोगों तक बात पहुंचाने के दो माध्यम थे, एक रेडियो और दूसरा फिल्म.
गाना सुनकर रो दिए सभी लोग
सरकार ने इस स्थिति में फिल्म इंडस्ट्री से मदद ली और स्थिति को सुधारने के लिए उपाय करने को कहा. जब ये बात की गई, तो उसके दो महीने दिल्ली में एक चैरिटी शो किया जाना था, जिसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शामिल होने वाले थे. इस पर सभी ने प्रदीप को गाने के लिए बोला. उन्होंने बाद में अपनी लिखी चंद लाइन से पूरा गाना लिख दिया. जब चैरिटी का दिन आया, तो स्टेज पर लता मंगेशकर ने इस गाने को लोगों के सामने पेश किया, जिसके कुछ वक्त बाद ही सन्नाटा पसर गया और गाना खत्म होते-होते सभी के आंखों से आंसू बहने लगे थे.