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कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं.वित्तीय संकट में डूबा ये राज्य, खुद CM ने लोगों को बताया सच, सदमे में आ गई जनता

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार (17 मार्च, 2025) को विधान परिषद में स्वीकार किया कि राज्य वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, जिससे हर महीने की पहली तारीख को सरकारी कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है।परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कर्मचारियों से स्थिति को समझने का आग्रह किया और उन्हें राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में पूरी पारदर्शिता का आश्वासन दिया। रेड्डी ने कहा, “राज्य की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण सरकार को हर महीने की पहली तारीख को कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है।
रेवंत रेड्डी ने क्या कहा?
सरकारी कर्मचारियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा, “यह सरकार आपकी है। मैं आपको सारे खाते दिखा दूंगा। आप तय करें कि क्या देना है या क्या रोकना है।” उन्होंने स्वीकार किया कि महंगाई भत्ते (डीए) की मांग जायज है, लेकिन कर्मचारियों से अनुरोध किया कि वे फिलहाल इस पर जोर न दें।

उन्होंने कहा, “डीए कर्मचारियों की जायज मांग है, लेकिन मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि मौजूदा मुश्किल वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस पर जोर न दें।

7 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी है तेलंगाना सरकार
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि तेलंगाना सरकार 7 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में है। जबकि सरकार हर महीने 18,500 करोड़ रुपये कमाती है, लेकिन आवर्ती खर्चों के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की जाती है। उन्होंने कहा, “मुझे हर महीने वेतन और पेंशन के रूप में 6,500 करोड़ रुपये चुकाने होते हैं।
मुझे हर महीने कर्ज और ब्याज के रूप में 6,500 करोड़ रुपये भी चुकाने होते हैं। इसका मतलब है कि हर महीने की 10 तारीख से पहले 13,000 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। मेरे पास कल्याण और विकास के लिए केवल 5,000 करोड़ रुपये ही बचे हैं। मेरे पास पूंजीगत व्यय के लिए कोई पैसा नहीं है।”

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