
राम नवमी का पावन पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाते हैं. इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं. राम नवमी के दिन रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल राम नवमी के दिन 5 शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें रवि पुष्य योग लोगों के लिए कल्याणकारी है. इस बार अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु रामलला का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.
राम नवमी तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल राम नवमी के जरूरी चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का शुभारंभ 5 अप्रैल दिन शनिवार को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगा. नवमी तिथि 6 अप्रैल दिन रविवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 6 अप्रैल को है. इस वजह से राम नवमी 6 अप्रैल रविवार को मनाई जाएगी. उस दिन दोपहर में रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
राम नवमी मुहूर्त 2025
6 अप्रैल को राम नवमी का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक है. इस तरह से देखा जाए तो राम नवमी पर राम जन्मोत्सव के लिए 2 घंटे 31 मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है. राम नवमी मध्याह्न का क्षण दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर है.
5 शुभ संयोग में राम नवमी 2025
इस बार की राम नवमी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. राम नवमी के दिन सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर शाम को 6 बजकर 55 मिनट तक है. वहीं रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बने हैं. इनके अलावा राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र पूरी रात तक है. रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य योग बन रहा है.
रवि पुष्य योग में नए काम का शुभारंभ करते हैं, खरीदारी करना अच्छा होता है. स्नान, दान पूजा-पाठ, जप-तप का उत्तम पुण्य फल मिलता है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं, जबकि रवि योग में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है, जिससे सभी दोष मिट जाते हैं. किसी भी शुभ कार्य के लिए सुकर्मा योग अच्छा माना जाता है.