
रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,लखनपुर सरगुजा : शासन प्रशासन द्वारा आम जरूरतमंद लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत बेहिसाब शासकीय राशि खर्च कर हर संभव प्रयास की जा रही है। ताकि मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।
लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी होने से समुचित उपचार बिमार ग्रस्त मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। आसपास ग्रामीण इलाकों से ईलाज के लिए आने वाले गरीब तबके के लोगों को शासन के स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ जिस तरीके से मिलना चाहिए नहीं मिल पा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों तथा दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है जिससे चिकित्सा व्यवस्था काफी हद तक चरमरा गई है।
अस्पताल प्रबंधन सही नहीं होने कारण शासकीय योजना से लोग वंचित हो रहे हैं। अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों की टोटा बनी हुई है। सब प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद मरीजों की मजबूरी है शासकीय अस्पताल के बजाए निजी अस्पतालों में उपचार कराना पड़ता है।
शासन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसका सार्थक नतीजा सामने नहीं आ रहा है लखनपुर अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने मरीजों को परेशानी हो रही है। सेटअप के आधार पर लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 9 चिकित्सक है । लेकिन मौजूदा समय में केवल तीन डॉक्टर ही सेवा दे रहे हैं।
ड्रेसर, नेत्र रोग, स्त्री रोग के लिए महिला अनुभवी डाक्टर,सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी बनी हुई है। शासन-प्रशासन द्वारा इन कमियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आरोप है कि
अस्पताल लैब में सभी प्रकार की सुविधाएं होने के बाद कमिशन पाने की चाह में स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को नीजी सेन्टरों में जांच कराने भेज देते हैं। इतना ही नहीं खुद का क्लिनिक खोल रखा है। अस्पताल में डियुटी करने के बजाय नीजी क्लिनिक में मोटी फिस लेकर कमाई की जा रही है। विभाग का नियंत्रण नहीं होने से अस्पताल की हालात बद से बदतर होती जा रही है। उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ बिमारो को नहीं मिल पा रहा है। गरीब मरीजों को आये दिन आर्थिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी पर शासन ध्यान नहीं दे रही है जिसके कारण ड्रेसर स्त्री रोग तथा नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टरो की कमी लम्बे समय से बनी हुई है महिलाओं के डाक्टर नहीं होने से वक्त जरूरी में महिलाओं को काफी परेशानी होती है। अधिकांश महिलाओं को प्रसव तथा दूसरे इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।
क्षेत्र वासियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था सुधार के लिए शासन का ध्यानाकर्षण कराया है।
बयान –
बीएमओ डॉ ओ पी प्रसाद
ने कहा कि- अस्पताल में डाक्टर अन्य कर्मचारी की कमी है।
इसकी जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।