
बता दें कि इससे पहले मंगलवार यानी 18 मार्च 2025 को लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से भी पूछताछ हुई थी।
लालू को सौंपी गई सवालों की सूची: सूत्र
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद को सवालों की एक सूची ईडी की टीम ने दी है। जिसपर जल्द ही उनसे जवाब लिए जाएंगे। पूछताछ लंबी चलने की बात कही जा रही है।
इधर विधानसभा में जमीन के बदले नौकरी मामले में ईडी की पूछताछ पर भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि पूरा माल दबा कर रखें हैं। चपरासी के क्वार्टर में रहते थे। आज महल में रहते हैं। कानून के तहत कार्रवाई हो रही है।
उन्होंने भाजपा पर साजिश का आरोप निरर्थक और बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद चारा घोटाला के समय जब कार्रवाई के शिकंजे में आए तब उस समय केंद्र में उनकी सरकार थी। देवेगौड़ा और गुजराल के शासनकाल में वे जेल गए।
उनकी ही पार्टी के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से शिकायत की थी। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि लैंड फॉर जॉब में लालू यादव यदि दोषी नहीं होते तो सुप्रीम कोर्ट में जाकर रिलीफ लेते।
आरजेडी ने लगाया साजिश करने का आरोप
राजद के विधायक मुकेश यादव ने कहा है कि जब-जब चुनाव नजदीक आता है तो भाजपा सरकार लालू प्रसाद यादव के खिलाफ इसी तरह साजिश करती है उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।
यह सब चुनाव प्रभावित करने की साजिश है। वहीं मुकेश रौशन ने कहा जब सत्ता परिवर्तन होना होता है ईडी, सीबीआइ को सक्रिय किया जाता है और नतीजा सरकार विरोधी हो जाता है। इस बार बिहार में भी सत्ता परिवर्तन होकर रहेगा।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाले का मामला
बता दें कि जमीन बदले नौकरी के मामले में सीबीआई ने लालू समेत 78 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में काम करते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन और संपत्ति लिखवाई थी।
इस चार्जशीट में घोटाले के जोन के बारे में भी जानकारी दी गई थी। इनमें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर समेत कई रेलवे जोन शामिल थे।
मामले में लालू परिवार के 5 सदस्य आरोपी
इस मामले में लालू परिवार के 5 सदस्यों को आरोपी बनाया गया जिनमें लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती शामिल हैं। इससे पहले 30 जनवरी 2025 को अदालत ने सीबीआई को एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और उस समय रेलवे बोर्ड से सदस्य आरके महाजन सहित दो अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी।