
रायपुर: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के विभागों पर विधानसभा में बजट पर चर्चा पूरी हो चुकी है।। इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद के उन्मूलन, कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और जेल सुधार को लेकर कई अहम घोषणाएं की हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने राज्य में नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए व्यापक योजना का ऐलान किया है। उन्होंने बताया है कि, बस्तर के पांच जिलों में आत्मसमर्पण कैंप स्थापित किए जाएंगे, जहां नक्सलियों को सरकार की ओर से पुनर्वास की सुविधा मिलेगी। इसी तरह आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिया जाएगा। पुनर्वास के तहत प्रत्येक आत्मसमर्पित नक्सली को हर महीने 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
गृहमंत्री बिजय शर्मा ने यह भी बताया कि, बस्तर में “इलवत पंचायत अभियान” शुरू किया जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। जो गांव नक्सल मुक्त घोषित होगा, उसे सरकार द्वारा 1 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान की जाएगी। प्रदेश के गृहमंत्री ने अपने वादा दोहराते हुए कहा कि, सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।
शहीद जवानों को सम्मान
गृहमंत्री ने घोषणा की कि शहीद जवानों की प्रतिमाएं उनके गांवों में स्थापित की जाएंगी, ताकि उनकी वीरता और बलिदान को यादगार बनाया जा सके। पुलिस बल को नई पहचान देने की दिशा में भी बड़े कदम उठाये जा रहे है। इसके तहत
अब वरिष्ठ आरक्षक को “पुलिस अधिकारी” का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें जांच करने का अधिकार भी मिलेगा, जिससे पुलिस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
इनके अलावा गृहमंत्री विजय शर्मा ने राज्य की जेल व्यवस्था में सुधार के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया है। बताया कि, फ़िलहाल प्रदेश की जेलों की अधिकतम क्षमता 14,733 कैदियों की है, लेकिन वर्तमान में 18,525 कैदी जेलों में बंद हैं। 64 नई बैरकों का निर्माण कार्य जारी है, जो जल्द ही पूरा कर कैदियों के लिए अधिक स्थान उपलब्ध कराएगा। इसी तरह प्रदेश की जेलों में गौशालाएं भी स्थापित की जाएंगी, ताकि कैदियों को पशुपालन और स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। गृहमंत्री विजय शर्मा ने विश्वास जताया कि इन कदमों से राज्य में कानून-व्यवस्था सुदृढ़ होगी, नक्सलवाद खत्म होगा और विकास को नया आयाम मिलेगा।