
रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,लखनपुर ( सरगुजा) : इन दिनों लखनपुर तथा उदयपुर ब्लाक के सरहदी रेड नदी से अवैध रेत तस्करी करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है ।खनिज, राजस्व, पुलिस विभाग के अफसरों को इतनी फुर्सत नहीं कि अवैध रेत खनन परिवहन पर अंकुश लगा सकें। रेत माफिया नदी के तराई वाले गांव जेजगी ,कवलगिरि चैनपुर , तराजू जमगला के देवगढ़ घाट, बगदर्री तथा दूसरे नदी घाटों से अवैध रेत तस्करी कर दूसरे शहरों की ओर ले जा रहे हैं। लिहाजा रेत का अवैध खनन परिवहन जोरों पर चल रहा है शासन को लाखों नहीं करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है।
पूर्व में तत्कालीन एस डी एम आकाश चिंकारा ने ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए अवैध रेत खनन पर स्फूर्त विराम लगा दिया था। परन्तु उनके तबादले के बाद रेत माफियाओं का हौसला बुलंद हैं। अवैध रेत खनन परिवहन से नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। नदी के तटीय इलाके वाले रहवासी ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से अबैध रेत उत्खनन परिवहन पर रोक लगाने ध्यानाकर्षण कराया है।
गौरतलब है कि -रेत ब्लाक स्तर में ही नहीं अपितु दूसरे शहरों की ओर ले जाया जा रहा है। रेत माफिया बड़े पैमाने में रेत का तिजारत करके मुनाफा कमा रहे हैं। ग्रामीणो की मानें तो प्रति दिन गांवों के गलियों में दौड़ने वाली ओव्हर लोड तेज रफ्तार ट्रक ट्रेलर मीनी ट्रक से सड़कों में दरार पड़ने लगा है। सड़क ख़राब तो हो रही है वहीं स्कूली बच्चों के लिए तेज रफ्तार वाहन खतरनाक साबित हो रहे है।स्कूल आनेजाने में तेज़ रफ़्तार वाहनों के कारण अनदेखे हादसा होने का डर सताने लगा है।
जमगला कोरजा तराज़ू लटोरी कवलगीरी, चैनपुर सहित आसपास के ग्रामीणो
ने बेतहाशा दौड़ रहे वाहनों पर कड़ी और सख्त कार्रवाही करने मांग किया है
बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी भी दौड़ रहे हैं सड़क पर अंबिकापुर क्षेत्र से मिनी ट्रक जो दिन में 6 से 7 बार रेड नदी तराई वाले क्षेत्र से अवैध रेत उत्खनन परिवहन करते हैं। जिस ट्रक वाहनों के जरिए से परिवहन किया जाता है उन अधिकांश वाहनों में नंबर प्लेट तक नहीं होता है गांवों के बीचोंबीच सड़क में तेजगति से गुजरने वाले वाहनों के कारण लोग खतरे के साए में रहने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है इसकी जानकारी क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों को दिए जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। ग्रामीणों का मानना है रेत का अवैध उत्खनन परिवहन उच्चाधिकारियों के सरपरस्ती में रेत माफियाओं द्वारा किया जा रहा है।
नाका बंदी करके ग्रामीणो ने वाहनों को रोकने का भरसक प्रयास किया लेकिन वाहन चालकों के उपर इस फार्मूले का कोई असर नहीं हुआ। चालको के उदंडता के कारण अवैध रेत परिवहन में विराम नहीं लग सका।
रेड अवैध उत्खनन घाट में होती है अवैध वसूली
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कवलगिरी तथा देवगढ़ एवं अन्य घाटों में इन दिनों रेत का अवैधं उत्खनन करने वाले मिनी ट्रक एवं ट्रैक्टर वालों से 100 से 200 रूपये तक असामाजिक तत्वों द्वारा नाजायज तरीके से वसूल किया जा रहा है।रेत माफियाओं को इनका संरक्षण प्राप्त होने से असमाजिक तत्व के लोग मालामाल हो रहे हैं। इसकी भी बारीकी से जांच कर न्यायोचित कार्यवाही करने की बात क्षेत्रवासीयो ने कही है।
प्रशासनिक आला अधिकारीयों के कुंभकर्णी नींद में सोये होने से अवैध रेत उत्खनन परिवहन का कारोबार खुलेआम चल रहा है। माफियाओं का हौसला बुलंद है।
कानूनी तौर पर रेत अवैध उत्खनन में संलिप्त मिनी ट्रक ट्रेक्टर दूसरे वाहनों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। अब देखने वाली बात होगी कि ग्रामीणो के मांग का असर प्रशासन पर होता है या नहीं। समय पर मालूम हो सकेगा।