
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप ने भीषण तबाही मचाई, दहशत फैलाई। म्यांमार में भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1002 हो गई है, जबकि 2376 लोग घायल हुए हैं, देश की सत्तारूढ़ सेना ने शनिवार सुबह को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि भूकंप दोनों देशों के बेसिक स्ट्रक्चर को ध्वस्त करके अरबों का नुकसान कराया। इमारतें, पुल, घर, सड़कें सब तबाह हो गए। लोग जान बचाने को ऐसे भागे, मानो प्रलय आ गई हो। रिक्टर स्केल पर 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप ने म्यांमार को तबाही का मंजर दिखा दिया।
इस भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि पड़ोसी देश थाईलैंड तक दहल गया। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के ग्रेटर जोन में भारी तबाही मची। थाईलैंड भूकंप जोन नहीं है, लेकिन यहां जो भूकंप आया, वह पड़ोसी देश म्यांमार से आया। बैंकॉक में भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल करके इमारतें नहीं बनाई जाती, इसलिए वहां इतना ज्यादा नुकसान हुआ। भूकंप की तीव्रता ज्यादा होती तो इससे और ज्यादा नुकसान हो सकता था। 10 पॉइंट में जानें बीते दिन म्यांमार और थाईलैंड में क्या-क्या हुआ?
1. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे और जर्मनी के GFZ सेंटर फॉर जियोसाइंस के अनुसार, सबसे पहले दोपहर करीब 12 बजे म्यांमार में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में मोनयवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) दूर पूर्व दिशा में मिला। 12 मिनट बाद 6.4 की तीव्रता वाला भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र सागाइंग से 18 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में मिला। भूकंप का मुख्य केंद्र म्यांमार का मांडले शहर था और केंद्र धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था।
2. म्यांमार में आए भूकंप के झटके थाईलैंड ने भी झेले। राजधानी बैंकॉक का ग्रेटर जोन तबाह हो गया। यहां भूकंप की तीव्रता 8 से ज्यादा बताई गई। चीन तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। बीजिंग की भूकंप एजेंसी ने बताया कि चीन के दक्षिण-पश्चिमी यूनान प्रांत में भूकंप आया और इस भूकंप की तीव्रता 7.9 रही। यूनान प्रांत में मेट्रो सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।
3. म्यांमार से उठे भूकंप का कंपन थाईलैंड के अलावा भारत, बांग्लादेश और वियतनाम में भी महसूस हुआ। भूकंप से भारत के पूर्वोत्तर राज्य कांप गए। मेघायल, असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम में 4 से 5 की तीव्रता वाला भूकंप आया। वियतनाम के हनोई और हो ची मिन्ह शहर में भी तेज झटके महसूस किए गए।
4. म्यांमार में भूकंप से 150 लोगों की मौत होने की खबर है। 700 से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं। बैंकॉक में अंडर कंस्ट्रक्शन 30 मंजिला इमारत ढह गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा वायरल हुआ। इस साइट पर वर्किंग 400 में से 80 लोग लापता हैं और 3 लोगों की जान चली गई।
5. भूकंप से म्यांमार के मांडले शहर में बनी यूनिवर्सिटी में भी आग लग गई थी। मांडले में ही इरावजी नदी पर बना 90 साल पुरान पुल ढह गया। राजधानी नेपिडो में सड़कों में दरारें आ गईं। मांडले और यांगून को जोड़ने वाले हाईवे में दरारें आ गईं। एक मस्जिद ध्वस्त होने से 20 लोग मारे गए। नेशनल म्यूजियम की छत और पैनल ढह गए।
6. AFP न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि साल 1930 से 1956 के बीच सागाइंग फॉल्ट के पास 7 की तीव्रता वाले 6 भूकंप आए थे। यह फ़ॉल्ट देश के बीचों-बीच से गुजरता है। इसलिए इस फॉल्ट में जब भी भूकंप आता है तो ऐसे ही तबाही मचती है।
7. भूकंप के बाद म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल के बाहर घायलों की कतारें नजर आईं। घायल लोग कारों और पिकअप में आए। उनके शरीर धूल और खून से लथपथ थे। डॉक्टर और नर्सें इधर उधर भागती दिखीं। दवाइयां और खून मंगवाया गया। IV ड्रिप लोगों की बांहों से लटक रही थी। खून से लथपथ, अपने सिर को हाथों से पकड़े बैठे लोग नजर आए।
8. म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने अस्पताल का दौरा किया और घायलों का निरीक्षण किया। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, म्यांमार में आए भूकंप से होने वाले नुकसान और मौतों को रेड कैटेगरी में रखा गया है। इस कैटेगरी में 10 हजार से 1 लाख मौतें तक हो सकती हैं, जिसकी संभावना 34% यानी सबसे ज्यादा है। अभी भूकंप से हुए पूरे नुकसान की रिपोर्ट आनी बाकी है।
9. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक म्यांमार में आए भूकंप के केंद्र वाली जगह से करीब 1000 किलोमीटर दूर है। इसलिए यहां भी भूकंप का इतना ज़ोरदार झटका महसूस किया गया है कि एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई। अलार्म बजने लगे और इमारतों के ऊपर बने स्वीमिंग पुलों का पानी नीचे गिर गया। लोग इमारतों से निकल आए और लोग अपनी जान बचाने को खाली जगह तलाशने लगे।
10. थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने बैंकॉक में इमरजेंसी की घोषणा कर दी। बैंकॉक के चाटुचाक पार्क इलाके में इमारत सेकंड में गिर गई। एक व्यक्ति की मौत हुई और 50 लोग घायल हो गए। भूकंप का असर गोल्डन ट्रायंगल इलाके में हुआ है, जिसमें म्यांमार, थाईलैंड और लाओस के कुछ हिस्से आते हैं।