
नई दिल्ली : जहां हमारी भारतीय रेल आज हर रोज करीब 2 करोड़ लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है। वहीं आज सात हजार से ज्यादा ट्रेनें भारत की ट्रैक पर दौड़ती है। लेकिन अगर यह बताया जाए कि हमारे देश में एक रेलवे ट्रैक ऐसा भी है, जिस पर आज भी भारत का अधिकार नहीं है, बल्कि अंग्रेजों की हुकूमत चलती है, तो आप शायद नही मानेंगें ? क्योंकि आपका तो यह तर्क होगा कि भारत को तो अंग्रेजों से आजाद हुए आज 75 साल से ज्यादा हो चुके हैं, फिर ये कैसे संभव हो सकता है।
लेकिन ये भी सच है कि, गोरों से आजादी के बाद भी भारत में एक ऐसा रेलवे ट्रैक मौजुद है, जिसका स्वामित्व भारत सरकार के पास नहीं है बल्कि ब्रिटेन में एक निजी कंपनी के पास है। इस ट्रैक को शकुंतला रेलवे ट्रैक के नाम से जाना जाता है। ये भारत की इकलौती रेलवे लाइन हैं, जिसपर विदेशी कंपनी का मालिकाना हक है।
हालांकि अंग्रेजों के जमाने के रेल नेटवर्क की आखिरी निशानी अब इतिहास बनाने जा रही है। भारतीय रेल, ब्रिटिश कंपनी क्लिक-निक्सन के बनाए शकुंतला रेलवे का अधिग्रहण करने जा रही है। यह खंड अभी सेंट्रल प्रोविंसेस रेलवे कंपनी (सीपीआरसी) के स्वामित्व में ही है।
जानकारी दें कि, शकुंतला रेलवे ट्रैक महाराष्ट्र के यवतमाल से अचलपुर के बीच तक 190 किलोमीटर तक लंबा है। ये ट्रैक अंग्रेजों के जमाने से है। दरअसल अंग्रेजों के जमाने से ही महाराष्ट्र के अमरावती और यवतमाल में कपास की खेती होती रही है। उस समय इस कपास की पैदावर को मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए ही अंग्रेजों ने इस ट्रैक को बनवाया था। तब ब्रिटेन की क्लिक निक्सन एंड कंपनी ने इस रेलवे ट्रैक को बनाने के लिए सेंट्रल प्रोविंस रेलवे कंपनी (CPRC) की स्थापना की थी। इस कंपनी ने ट्रैक बिछाने का ये काम साल 1903 में शुरू हुआ और 1916 में रेल लाइन भी पूरा हो गया था।
आज भी देश के आजाद होने के बाद भी इस ट्रैक का स्वामित्व ब्रिटेन की प्राइवेट कंपनी के ही पास है। वहीं कंपनी आज भी साल इस ट्रैक को संचालित करती है। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो भारतीय रेलवे ने इस कंपनी के साथ एक समझौता किया था, जिसके अंतर्गत हर साल आज भी भारतीय रेलवे की ओर से कंपनी को रॉयल्टी दी जाती है।
इस बाबत मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय रेलवे हर साल 2-3 करोड़ रु। की रॉयल्टी कंपनी को देता है। हालांकि भारतीय रेलवे ने कई बार इसे खरीदने का प्रस्ताव जरूर रखा था, अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। लेकिन अब अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस शकुंतला रेलवे ट्रैक को ब्रॉडगेज में बदला जाएगा। इस अधिग्रहण से पहले सीपीआरसी 12-16 करोड़ रॉयल्टी की दावेदारी कर रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 में यह अधिग्रहण पुरा हो जाएगा।