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UN में भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे PM मोदी, दुनिया जानेगी भारत के विकास की कहानी

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न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र में अगले सप्ताह आयोजित होने वाले ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ में भारत में हुए विकास से जुड़ी बातें साझा करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने यह जानकारी दी है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने ‘पीटीआई’ को दिए एक खास इंटरव्यू में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह भारत के अपने घरेलू विकास की कहानी साझा करेंगे।’’

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पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शनिवार को अमेरिका पहुंचेंगे, जहां वो डेलावेयर के विलमिंगटन में क्वाड के चौथे शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन क्वाड के वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद न्यूयॉर्क जाएंगे, जहां वह 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में आयोजित होने वाले ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ को भी संबोधित करेंगे और इसके बाद भारत के लिए रवाना हो जाएंगे।

युवाओं पर फोकस है सम्मेलन

हरीश ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन का ध्यान विशेष रूप से युवाओं पर है क्योंकि वह विश्व का भविष्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जनसंख्या 140 करोड़ है और हमारी अधिकांश आबादी युवा है। जब प्रधानमंत्री बोलते हैं तो वह भारत के युवाओं का संदेश पूरी दुनिया के सामने लाते हैं।’’ हरीश ने कहा, ‘‘हम अपने युवाओं को कैसे शामिल कर सकते हैं और भविष्य में कैसे उनकी हिस्सेदारी ला सकते हैं? हम उन्हें शासन प्रक्रियाओं में कैसे शामिल कर सकते हैं? दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर देखें तो मेरा मानना है कि जिस तरह से हमने अपने युवाओं को राजनीतिक, आर्थिक और विकास से जुड़ी प्रक्रियाओं में शामिल होने और राष्ट्र के विकास में भागीदार बनने के लिए सशक्त बनाया है, तो भारत से बेहतर कोई उदाहरण नहीं हो सकता है।

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दिल्ली की सबसे युवा सीएम होंगी आतिशी, बनेंगी चौथी महिला मुख्यमंत्री

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आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी थोड़ी ही देर में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। शपथ ग्रहण समारोह आज शाम 4:30 बजे राज निवास में होगा और साथ ही उनके मंत्रिपरिषद में पांच मंत्री भी शपथ ग्रहण करेंगे। जानकारी के मुताबिक आतिशी के साथ जो पांच मंत्री शपथ लेंगे, उनमें चार पुराने मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन का नाम शामिल है, इन सबके अलावा आतिशी की कैबिनेट में नए चेहरे के रूप में सुल्तानपुर माजरा के विधायक मुकेश कुमार अहावलत भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। आतिशी के शपथ ग्रहण में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी शामिल रहेंगे।

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सीएम पद की शपथ लेने से पहले आतिशी पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंची। अब से बस  थोड़ी ही देर में होगा शपथ ग्रहण। बता दें कि आतिशी से पहले बीजेपी की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित भी दिल्ली की महिला सीएम रह चुकी हैं। आतिशी चौथी महिला सीएम होंगी और दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री बनेंगी।

आतिशी बनेंगी सीएम, पांच मंत्री भी लेेंगे शपथ

कहा जा रहा है कि आतिशी की कैबिनेट के चारों पूर्व मंत्री उन्हीं विभागों का जिम्मा संभालेंगे, जो पहले से उनके पास ही थे। वहीं, मुकेश अहलावत जो  नए मंत्री बनेंगे उनको समाज कल्याण और श्रम एवं रोजगार समेत कुछ मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। सीएम बनने वाली आतिशी के पास भी दिल्ली सरकार के कुछ अहम विभाग रहेंगे। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आतिशी के नाम पर आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में मुहर लगी थी।

केजरीवाल ने दिया था सीएम पद से इस्तीफा

अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था और आम आदमी पार्टी ने घोषणा कर दी थी कि पार्टी की कालकाजी विधायक आतिशी, केजरीवाल की जगह लेंगी और दिल्ली की सीएम होंगी। दिल्ली विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 11 फरवरी, 2025 को समाप्त होने वाला है। दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव 8 फरवरी, 2020 को हुआ था।

दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़े केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक कथित भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आने के दो दिन बाद ही केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में हिंदुओं का जोरदार प्रदर्शन, उठाई वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग

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नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई में हिंदू समाज ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हिंदू संघर्ष समिति ने इस प्रदर्शन के लिए आह्वान किया था। यह प्रदर्शन अवैध मस्जिद और घुसपैठ समेत कई मुद्दों को लेकर हुआ और प्रदर्शनकारी सरकार से वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग कर रहे हैं। हिंदू संगठनों का कहना है कि अवैध घुसपैठ पर रोक लगाई जाए और इसके लिए बाहर से आए विशेष समुदाय के लोगों का वेरिफिकेशन किया जाए। साथ ही अवैध मस्जिदों पर भी पुलिस-प्रशासन से एक्शन लेने की मांग की गई है।

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वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग ने पकड़ा जोर

हिंदू संगठनों का कहना है कि पूरे हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों की पैमाइश और वेरिफिकेशन कराई जाए और जांच के बाद अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। इन सब मांगों को लेकर ही शुक्रवार को सिरमौर जिले में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन हुआ। हिमाचल प्रदेश में हिंदू संगठनों ने सूबे में रह रहे अवैध घुसपैठियों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। हिंदू संगठनों का कहना है कि बिना वेरिफिकेशन के बाहर से आए लोगों को दुकानें नहीं दी जाएगी और न ही उनसे कोई सामान खरीदा जाएगा।

संजौली से शुरू हुआ विवाद, हिमाचल में फैला

बता दें कि यह सारा किस्सा हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद से शुरू हुआ था, जो कि अब शहर-शहर की कहानी बन चुका है। 31 अगस्त को शिमला के मैहली में 2 गुट  भिड़े थे जिसके बाद मारपीट के 6 आरोपी संजौली मस्जिद से गिरफ्तार किए गए थे। 11 सितंबर को हिंदू संगठनों का उग्र प्रदर्शन  हुआ और भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज के विरोध में पूरे हिमाचल में प्रदर्शन शुरू किया गया। 13 सितंबर को मंडी में भी मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद बिलासपुर, कसुम्टी में भी अवैध मस्जिद का विरोध हुआ। 19 सितंबर को शिमला के नेरवा में हिंदुओं का प्रदर्शन किया गया।

सिरमौर जिले में सबसे ज्यादा 130 मस्जिदें

हिमाचल में अवैध मस्जिदों को लेकर हिंदू पक्ष लगातार हमला बोल रहा है। हिंदू संगठन सड़क पर उतरकर अवैध मस्जिदों को ध्वस्त करने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि साल 2021 में हिमाचल प्रदेश में 393 मस्जिदें थीं, लेकिन अब ये आंकड़ा मिलकर 520 हो गया है। इनमें से सिरमौर जिले में सबसे ज्यादा130 मस्जिदें हैं जहां शुक्रवार को हिंदू सगंठनों का उग्र प्रदर्शन हुआ। हिंदू संगठनों का दावा है कि इनमें से ज्यादातर मस्जिदें अवैध हैं। यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी से शुरू हुआ विरोध अब सूबे के शहर-शहर में पहुंच चुका है और ‘बाहरियों’ के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है।

डेमोग्राफी चेंज भी विरोध की बड़ी वजह

हिमाचल में हिंदुओं के सड़कों पर उतरने की एक बड़ी वजह सूबे की तेजी से बदलती डेमोग्राफी को भी माना जा रहा है। एक आंकड़े पर अगर नजर डालें तो 1971 की जनगणना में हिमाचल की कुल आबादी 34 लाख 60 हजार 434 थी जोकि 2011 में बढ़कर  68 लाख 64 हजार 602 हो गई। 40 साल में आबादी की ग्रोथ रेट 98.37 फीसदी रही। हिमाचल में 1971 में हिंदू आबादी 33 लाख 24 हजार 627 थी जो कि 2011 में 65 लाख 32 हजार 765 हो गई। इस दौरान हिंदू आबादी की ग्रोथ रेट 96.50 फीसदी रही। इसी तरह 1971 में हिमाचल में मुस्लिमों की आबादी 50 हजार 327 थी जो 2011 में 1 लाख 49 हजार 881 हो गई, और इन 4 दशकों में मुस्लिम आबादी का ग्रोथ रेट रिकॉर्ड  197.81 फीसदी रहा।

हिमाचल के जिलों में कैसे बदली डेमोग्राफी

हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में डेमोग्राफी काफी तेजी से बदली है। इन जिलो में हिंदू आबादी के मुकबाले मुस्लिम आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। देखिए इन जिलों में डेमोग्राफी चेंज के आंकड़े:

  1. मंडी में 1971 से 2011 के बीच हिंदू आबादी का ग्रोथ रेट 94% जबकि मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर 202.04% रही
  2. चंबा में 1971 से 2011 के बीच हिंदू आबादी का ग्रोथ रेट 102% जबकि मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर 128.44% रही
  3. सिरमौर में 1971 से 2011 के बीच हिंदू आबादी का ग्रोथ रेट 110% जबकि मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर 203.67% रही
  4. कांगड़ा में 1971 से 2011 के बीच हिंदू आबादी का ग्रोथ रेट 13% जबकि मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर 67.96% रही

और बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हिंदू संगठन

हाल में हुई कई घटनाओं ने हिमाचल प्रदेश में आग में घी भरने का काम किया। इसके बाद संजौली से लेकर मंडी तक, बिलासपुर से लेकर नेरवा तक अवैध मस्जिद का मुद्दा लोगों के बीच छाने लगा। अब हालात ये हैं कि अवैध मस्जिद के विरोध में हिंदू सगंठन सड़क पर उतर कर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंदू संगठनों की अवैध मस्जिद को ध्वस्त करने के साथ ही और भी कई बड़ी मांगें हैं। हिंदू संगठनों के नेताओं का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो आगे और भी ज्यादा बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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24 घंटे बाद फिर से खोला गया झारखंड-बंगाल बॉर्डर, फंसे थे हजारों ट्रक, जानें ममता की सरकार ने क्यों किया था बंद

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कोलकाता/रांची: पश्चिम बंगाल-झारखंड बॉर्डर करीब 24 घंटे तक बंद रहने के बाद अंतरराज्यीय व्यापार के वास्ते ट्रकों की आवाजाही के लिए फिर से खोल दिया गया है। दामोदर घाटी निगम (DVC) द्वारा झारखंड के साथ अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थित उसके बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार शाम को सीमा बंद कर दी थी। पानी छोड़े जाने की वजह से दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ आ गई। झारखंड सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, ‘अंतरराज्यीय सीमा खोल दी गई है और NH-2 और NH-6 पर फंसे सामान से लदे हजारों ट्रक पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गए हैं।

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बॉर्डर बंद करने के कारण हजारों ट्रक फंस गए थे

पश्चिम बंगाल में ‘ट्रक ऑपरेटर्स’ ने कहा कि बॉर्डर खुल गया है लेकिन सीमा पर 20-25 किलोमीटर लंबी कतार में खड़े ट्रकों को आगे बढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा। बॉर्डर बंद करने के कारण हजारों ट्रक फंस गए थे जिनमें उत्तरी राज्यों से ऐसे ट्रक भी शामिल थे जिनमें जल्दी खराब होने वाली खाद्य सामग्री थी और इसके कारण आपात सेवाएं भी प्रभावित हुई थीं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ममता बनर्जी गृह मंत्रालय, NHAI, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा झारखंड के लोगों के दृढ़ संकल्प के आगे झुक गई जिन्होंने झारखंड से पश्चिम बंगाल जा रहे वाहनों को रोकने के लिए उनके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।

ममता ने बाढ़ के लिए DVC को ठहराया जिम्मेदार

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि उनके राज्य में बाढ़ की स्थिति ‘झारखंड को बचाने’ के लिए DVC द्वारा उसके बांधों से अनियंत्रित पानी छोड़े जाने के कारण पैदा हुई। इसके बाद झारखंड से पश्चिम बंगाल आ रहे भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। पश्चिम बंगाल में ‘मानव निर्मित’ बाढ़ के लिए DVC को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार DVC के साथ सभी संबंध तोड़ लेगी। DVC के एक अधिकारी ने कहा था कि नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय जल आयोग (CWC) के निर्देश पर पानी छोड़ा गया था, लेकिन अब इसे रोक दिया गया है। झारखंड में सत्तारूढ़ JMM ने अंतर-राज्यीय सीमा कथित तौर पर सील करने के लिए ममता पर तीखा प्रहार किया।

अगर झारखंड अपनी सीमाएं बंद कर दे तो…

JMM महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, ‘सीमाएं सील करने का ममता बनर्जी का फैसला उन पर काफी भारी पड़ेगा। अगर झारखंड अपनी सीमाएं बंद कर दे तो पश्चिम बंगाल भारत के पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों से कट जाएगा। मैं दीदी से संवेदनशील रुख अपनाने का अनुरोध करता हूं। सामान लेकर जा रहे वाहन आपके राज्य में बाढ़ लाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।’ DVC ने गुरुवार को स्पष्ट किया था कि पानी छोड़ने का निर्णय पश्चिम बंगाल जल संसाधन विभाग, झारखंड जल संसाधन विभाग और DVC की तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था।

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