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जम्मू कश्मीर में ऐसा क्यों बोले मल्लिकार्जुन खरगे?मैं 83 साल का हूं, इतनी जल्दी नहीं मरूंगा

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे।

खरगे ने और क्या कहा? 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे। मैं 83 साल का हूं, मैं इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं पीएम मोदी को सत्ता से हटाने तक जिंदा रहूंगा।

पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत के युवाओं को कुछ नहीं दिया: खरगे

खरगे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कभी चुनाव नहीं कराना चाहते थे। अगर वे चाहते तो एक-दो साल में ही ऐसा कर लेते। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। वे चुनाव तो चाहते ही थे। वे उपराज्यपाल के माध्यम से रिमोट-नियंत्रित सरकार चलाना चाहते थे। पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत के युवाओं को कुछ नहीं दिया। क्या आप उस व्यक्ति पर विश्वास कर सकते हैं जो 10 वर्षों में आपकी समृद्धि वापस नहीं ला सकता? अगर कोई भाजपा नेता आपके सामने आए तो उनसे पूछना कि वे समृद्धि लाए या नहीं।’

खरगे ने हालही में पीएम मोदी को दी थी जन्मदिन की बधाई

हालही में खरगे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी थी। खरगे ने X पर एक पोस्ट में कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु प्रदान करें।’

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दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत, बेल मिलने पर रो पड़ीं पत्नी

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मामले में अभी ट्रायल खत्म होने आसार नजर नहीं आते हैं। जमानत पर फैसला सुनते ही कोर्ट में मौजूद सत्येंद्र जैन की पत्नी रो पड़ीं। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन को लंबे समय तक कारावास का सामना करना पड़ा है। मुकदमा जल्द शुरू होने की संभावना नहीं है, पूरा होना तो दूर की बात है। सत्येंद्र जैन जमानत के हकदार हैं। कोर्ट ने कहा सत्येंद्र जैन मामले में गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे, मुकदमे को प्रभावित नहीं करेंगे और भारत से बाहर यात्रा नहीं करेंगे।

अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था

सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने 30 मई, 2022 को उनसे कथित तौर पर जुड़ी 4 कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में थे। इससे पहले विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने आरोपियों और ईडी की ओर से आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। सत्येंद्र जैन के वकील ने अदालत से कहा था कि उन्हें आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। ED ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि यदि जैन को रिहा किया गया, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी का मामला 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी CBI द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया है।

कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी थी

ईडी ने 24 अगस्त 2017 को सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को आधार बनाकर सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी थीं, जिसका वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे। उनके साथ पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट से 6 हफ्ते की मिली थी जमानत

26 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कंडीशन के आधार पर जैन को 6 हफ्ते की जमानत दी थी। सत्येंद्र जैन 31 मई 2022 से हिरासत में थे। 6 अप्रैल 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मई 2023 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां से उन्हें 360 दिन बाद 42 दिन की जमानत मिली थी। मई में एक हफ्ते में 3 बार हॉस्पिटल पहुंचे थे। जैन 25 मई की सुबह AAP नेता सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के वॉशरूम में फिसलकर गिर पड़े थे। उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में शिफ्ट कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।

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किम जोंग ने रूस की मदद में भेजे हजारों सैनिक, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने की आपात बैठक

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रूस और यूक्रेन के बीच बीते 2 साल से ज्यादा समय से जंग जारी है। अब तक कोई भी देश इस जंग में निर्णायक बढ़त नहीं ले पाया है। एक ओर पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं। तो वहीं, अब रूस को भी जंग में बड़ी मदद मिल गई है। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने यूक्रेन से जंग में रूस की मदद के लिए हजारों की संख्या में सैनिकों को भेजा है। बता दें कि कुछ ही दिनों पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग की मुलाकात हुई थी और दोनों देशों ने कई बड़े समझौते किए थे।

कितने सैनिक भेजे गए?

दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसियों कहा है कि यूक्रेन से जंग में रूस की मदद के लिए उत्तर कोरिया ने 12,000 सैनिक भेजे हैं। दक्षिण कोरिया की योनहाप न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है। समाचार एजेंसी ने राष्ट्रीय खुफिया सेवा (NIS) के इनपुट के हवाले से बताया कि उत्तर कोरियाई सैनिक रूस की सहायता के लिए पहले ही रवाना हो चुके हैं। हालांकि, NIS ने इस खबर को लेकर तत्काल पुष्टि नहीं की है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने की बैठक

उत्तर कोरिया द्वारा रूस की मदद के लिए सेना भेजे जाने के मामले को लेकर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने आपातकालीन बैठक की है। राष्ट्रपति यून सूक येओल के ऑफिस ने बताया है कि राष्ट्रपति ने आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की है। अब तक सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा सैनिक भेजे जाने की खबर को प्रामाणिक माना है या नहीं।

ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन को देगा टैंक

दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया ने अपने 49 पुराने एम1ए1 अब्राम्स टैंक यूक्रेन को देने की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने बताया है कि यूक्रेन ने कुछ महीने पहले उसे ये टैंक दिए जाने का अनुरोध किया था। मार्लेस ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया सरकार यूक्रेन को अपने अधिकतर अमेरिका निर्मित एम1ए1 टैंक दे रही है, जिनकी कीमत 24 करोड़ 50 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (16 करोड़ 30 लाख अमेरिकी डॉलर) है। ऑस्ट्रेलिया में इनका स्थान 75 अगली पीढ़ी के एम1एक2 टैंकों का बेड़ा लेगा। 

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उत्तराखंड में इस दिन लागू हो सकता है यूनिफॉर्म सिविल कोड, कमेटी ने CM धामी को सौंपा ड्राफ्ट

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। नियमावली का ड्राफ्ट बनाने वाली समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आज सचिवालय में यह ड्राफ्ट सौंपा। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए नियमावली का ड्राफ्ट मिल चुका है। समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन की तिथि के लिए जल्द मंत्रिमंडल की बैठक होगी जिसमें तय होगा कि इसको कब लागू करेंगे।

चुनाव से पहले CM धामी ने किया था वादा

बता दें कि सीएम धामी ने 2022 विधानसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था जिसको निभाते हुए उन्होंने अपनी पहली केबिनेट बैठक में कमेटी का गठन किया था। अब कमेटी ने सीएम धामी को ड्राफ्ट सौंप दिया है। उत्तराखंड सरकार अब ड्राफ्ट का अध्ययन करेगी और उसे राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगी। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

देवभूमि में कब लागू होगा UCC?

इसे लागू किए जाने के बाद उत्तराखंड इसे क्रियान्वित करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन जाएगा। उत्तराखंड नौ नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद अस्तित्व में आया था। सीएम धामी के अनुसार 9 नवंबर यानि कि राज्य स्थापना दिवस तक देवभूमि उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो सकता है।

समान नागरिक संहिता नियमावली की मुख्य बातें-

  • राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
  • विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट को दिनांक 7 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा में पारित किया गया।
  • उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति उपरान्त दिनांक 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ।
  • उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 के नियमावली एवं क्रियान्वयन बनाये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत श्री शत्रुघ्न सिंह, सेवानिवृत्त आई०ए०एस० की अध्यक्षता में नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति गठित की गई है।
  • राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जाना प्रस्तावित है।
  • नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा नियमावली हिन्दी एवं अग्रेंजी दोनों संस्करणों में आज दिनांक 18 अक्टूबर, 2024 को राज्य सरकार को हस्तगत की जा रही है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन-रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्य पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लेखित है।
  • जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस हेतु एक पोर्टल तथा Mobile App भी तैयार किया गया है जिससे कि रजिस्ट्रेशन, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाईन माध्यम से सुलभ हो सके।

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