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*अब आधार से लिंक हो सकता है वोटर आईडी, संसदीय समिति ने की सिफारिश*

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नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने एक ही मतदाता के अलग अलग स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज होने सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ियों को रोकने के लिए मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की पैरवी की है। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग पिछले कुछ सालों से इस अभियान को आगे बढ़ा रहा हैं।

कार्मिक, जनशिकायत और विधि एवं न्याय मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति की शुक्रवार को संसद में पेश रिपोर्ट में मतदाता सूची की गड़बड़ी को रोकने के लिए मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के विकल्प पर सहमति जताई गई है।

राज्य सभा सदस्य भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र का मजबूत आधार और संविधान के मौलिक ढांचे का हिस्सा है। वहीं, गड़बड़ी रहित मतदाता सूची स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का मूल आधार है।’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘इसके मद्देनजर समिति इस बात की पैरवी करती है कि आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने से एक ही मतदाता का कई मतदाता सूचियों में नाम दर्ज होने जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।’

समिति ने कहा कि किसी मतदाता के निवास का पता बदलने के कारण नये पते से संबंद्ध मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के अलावा पिछले पते से संबद्ध सूची में भी उसका नाम नहीं हटने के कारण इस तरह के दोहराव की समस्या सामने आती है।

इसे देखते हुए समिति ने सिफारिश की है कि सरकार आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने की दिशा में कारगर कदम उठा सकती है जिससे मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाया जा सके, यह लोकतंत्र के हित में भी होगा।

ज्ञात हो कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के चुनाव आयोग के अभियान के तहत लगभग 31 करोड़ मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ा जा चुका है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार देश में पंजीकृत कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 91 करोड़ है।

समिति ने ईवीएम से मतदान की पुष्टि के लिए इसे वीवीपेट से जोड़ने को सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इससे पारदर्शी मतदान प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं का विश्वास बढ़ा है। समिति ने कहा कि ईवीएम के बजाय मतपत्र से मतदान कराने की मांग को उच्चतम न्यायालय ने भी नहीं स्वीकार किया है।

समिति ने कहा कि मतपत्र के दौर में मतदान केन्द्रों की लूट और फर्जी मतदान की समस्या अब ईवीएम के कारण अतीत का हिस्सा बन गई है। इसके मद्देनजर समिति ने विधायिका की तर्ज पर स्थानीय निकायों के चुनाव में भी वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान कराने की सिफारिश की है।

समिति ने तीन स्तरीय चुनाव प्रणाली के तहत लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव में उम्मीदवारों की योग्यता के मानक एक समान होने के आधार पर एक ही मतदाता सूची बनाने का सुझाव दिया है।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था में राज्य चुनाव आयोग स्थानीय चुनाव संपन्न कराते हैं और इसके लिए अलग मतदाता सूची बनती है।

आयोग ने कहा कि एक ही मतदाता सूची होने से न सिर्फ समय और संसाधनों की बचत होगी बल्कि मतदाताओें के मन में व्याप्त भ्रम को भी दूर किया जा सकेगा।

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पूजा खेडेकर की IAS सेवाएं खत्म, इस नियम के तहत केंद्र सरकार ने की कार्रवाई

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लंबे समय से विवादों में रहने वाली पूजा खेडेकर की आईएएस सेवाएं खत्म कर दी गई हैं। ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडेकर अपनी विकलांगता और अन्य गड़बड़ियों के लिए लंबे समय से विवादों में थीं। केंद्र सराकार ने शुक्रवार (6 सितंबर, 2024) को आदेश पारित कर उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से मुक्त कर दिया है। पूजा खेडकर ने 2023 में आईएएस की परीक्षा पास की थी, जबकि इससे पहले ही वह नौ बार इस परीक्षा में फेल हो चुकी थीं। ऐसे में उन्हें 2023 में परीक्षा में बैठने का अधिकार नहीं था और उन्होंने फर्जी तरीके से यह परीक्षा दी। इसी आधार पर उनकी नियुक्ति रद्द की गई है।

आदेश में कहा गया कि केंद्र सरकार ने आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर (एमएच:2023) को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से मुक्त कर दिया है।

सरकार का आदेश

सरकार के आदेश में लिखा गया कि जैसे ही ऐसी रिपोर्टें सामने आईं कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर (एमएच: 2023) सिविल सेवा परीक्षा- 2022 और पिछली सीएसई में उम्मीदवार बनने के लिए अयोग्य हो सकती हैं, उनकी उम्मीदवारी के दावों को सत्यापित करने के लिए 11.07.2024 को एक एकल सदस्यीय समिति का गठन किया गया।

एकल सदस्यीय समिति ने 24.07.2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। एकल सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के प्रावधानों के अनुसार एक संक्षिप्त जांच की, जिसमें खेडकर को उचित अवसर देना भी शामिल था। यह देखा गया है कि सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर (एमएच:2023) ने 2012 से 2023 के बीच सीएसई के लिए आवेदन किया था और उसमें शामिल हुई थीं।

पूजा ने जो जानकारी प्रस्तुत की है उसके अनुसार उन्होंने सीएसई-2012 से सीएसई-2023 के बीच नौ से ज्यादा बार परीक्षा दी थी, जबकि ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी को अधिकतम नौ परीक्षा देने का अधिकार है। उन्होंने 2012 और 2020 के बीच यानी सीएसई-2022 से पहले सिविल सेवा परीक्षाओं के अधिकतम प्रयास की सीमा पूरी कर ली थी। सीएसई नियम 2022 के नियम 3 में विभिन्न श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवार के लिए अनुमेय प्रयासों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है। ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी के लिए यह नौ (09) प्रयास है।

आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 में किसी परिवीक्षाधीन व्यक्ति को सेवा में भर्ती होने के लिए अयोग्य पाए जाने के आधार पर सेवामुक्त करने का प्रावधान है। संक्षिप्त जांच के बाद, यह पाया गया कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस परिवीक्षाधीन (एमएच:2023), सीएसई-2022 में उम्मीदवार बनने के लिए अयोग्य थीं, जो कि आईएएस में उनके चयन और नियुक्ति का वर्ष था। इसलिए, वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में भर्ती होने के लिए अयोग्य थीं। केंद्र सरकार ने 06.09.2024 के एक आदेश द्वारा पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस परिवीक्षाधीन (एमएच:2023) को आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया।

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जम्मू में अमित शाह का बड़ा बयान, कहा- जब तक शांति नहीं, पाकिस्तान से बातचीत नहीं

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पलौरा: देश के गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने जम्मू के पलौरा में रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये संयोग ही है कि जम्मू कश्मीर में पहला चुनावी सम्मेलन गणेश चतुर्थी के दिन शुरू हो रहा है और हम सभी मानते हैं कि विघ्नहर्ता यात्राओं के सभी विघ्न का हरण करते हैं। मैं देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज जैन भाइयों का पर्युषण पर्व भी शुरू हो रहा है। मैं जैन भाइयों व सभी सभी देशवासियों को पर्युषण पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

आने वाला चुनाव ऐतिहासिक: शाह

शाह ने कहा कि आने वाला चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव है। जब से देश आजाद हुआ, पहली बार, जम्मू कश्मीर का मतदाता दो झंडे नहीं, एक तिरंगे के नीचे अपना मतदान करेगा। पहली बार, दो संविधान नहीं, भारत के संविधान (जिसको बाबा साहेब अंबेडकर ने बनाया) के अंतर्गत मतदान होने जा रहा है।

शाह ने कहा कि हमने घर-घर जाकर इनके (नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस) विभाजनकारी एजेंडे के प्रति लोगों को जागरूक किया है। मैंने एक प्रेस वार्ता कर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे को उजागर किया था। लेकिन आज मैं आप सब के सामने आया हूं, क्योंकि मैं मीडिया से ज्यादा भरोसा आप पर करता हूं क्योंकि मैं भी आपकी जमात वाला हूं, मैं भी बूथ अध्यक्ष रहा हूं।

नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पर साधा निशाना

शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने से 70 साल के बाद जम्मू कश्मीर की माताओं-बहनों को अधिकार मिला है। नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी ये अधिकार छीनना चाहती है। ये अधिकार आप छीनने दोगे? नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी पत्थरबाजी व आतंकवाद में लिप्त लोगों को जेल से छोड़ना चाहती है ताकि जम्मू, पुंछ, राजौरी जैसे क्षेत्र जहां शांति है, वहां फिर से आतंकवाद आए। क्या आप इन क्षत्रों में आतंकवाद को फिर से आने दोगे?

शाह ने कहा, ‘नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस व पीडीपी वाले कहते हैं, हम पहले जैसी व्यवस्था लाएंगे। क्या आप इससे सहमत हो? जिस ऑटोनॉमी की बात ने जम्मू कश्मीर को आग में झुलसाया, घाटी में 40 हजार लोग मारे गए। ये कहते हैं, हम जम्मू कश्मीर को ऑटोनॉमी देंगे। मैं आज कह कर जाता हूं, कोई भी ताकत ऑटोनॉमी की बात नहीं कर सकती।

राहुल गांधी, पाकिस्तान और राज्य का दर्जा बहाल करने पर कही ये बात

अमित शाह ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी से एक बात कहना चाहता हूं कि आप चाहें जितनी भी कोशिश कर लें, हम गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और दलितों के आरक्षण पर आंच नहीं आने देंगे। जब तक शांति नहीं होगी, पाकिस्तान से बातचीत नहीं होगी।

अमित शाह ने कहा, ‘यहां अफवाह है कि नेशनल कांफ्रेंस सरकार बनाने जा रही है। मैं बहुत छोटी उम्र से ही चुनावी आंकड़ों का छात्र रहा हूं और मैं आपको यह बता रहा हूं कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला की सरकार कभी नहीं बन सकती।’

शाह ने कहा, ‘कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस कह रही है कि वे राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। मुझे बताएं कि इसे कौन दे सकता है? यह केवल केंद्र सरकार, पीएम मोदी हैं जो इसे दे सकते हैं। इसलिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करें। हमने कहा है कि चुनाव के बाद उचित समय पर हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देंगे। हमने संसद में यह कहा है। राहुल गांधी को जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए।

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खेल

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने जीता छठा गोल्ड मेडल, हाई जंप में प्रवीन कुमार ने दिखाया कमाल

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पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए 9वें दिन हाई जंप के टी64 के फाइनल इवेंट में भारत के 21 साल के पैरा एथलीट प्रवीन कुमार गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहे। ये भारत का पेरिस पैरालंपिक में जहां 26वां पदक है तो वहीं छठा गोल्ड मेडल है। प्रवीन कुमार ने 2.08 मीटर की शानदार हाई जंप लगाने के साथ गोल्ड मेडल को अपने नाम किया। पैरालंपिक के इतिहास में भारत का हाई जंप के इवेंट में ये अब तक का 11 पदक भी है। उत्तर प्रदेश के नोएडा के 21 वर्षीय पैरा एथलीट प्रवीन कुमार पैरालिंपिक में हाई जंप के इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु के बाद दूसरे भारतीय बन गए।

प्रवीन कुमार ने यूएसए और उज्बेकिस्तान के पैरा एथलीट को दी मात

हाई जंप के टी64 फाइनल इवेंट में प्रवीन कुमार ने अमेरिका और उज्बेकिस्तान के पैरा एथलीट को मात दी। प्रवीन ने जहां 2.08 मीटर की हाई जंप लगाई तो वहीं अमेरिका के पैरा एथलीट डेरेक लोकिडेंट ने 2.06 मीटर की हाई जंप लगाने के साथ सिल्वर मेडल को अपने नाम किया। वहीं उज्बेकिस्तान के टेमुरबेक गियाज़ोव ने 2.03 मीटर की छलांग लगाकर ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफलता हासिल की। प्रवीन कुमार ने इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।

भारत के लिए अब तक का रहा सबसे सफल पैरालंपिक

प्रवीन कुमार के गोल्ड मेडल जीतने के साथ ये भारत का पैरालंपिक गेम्स के इतिहास में सबसे शानदार प्रदर्शन है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने कुल 19 पदक जीते थे, जिसमें 5 गोल्ड मेडल शामिल थे। वहीं इस बार पैरालंपिक में भारत जहां अब तक 26 मेडल जीतने में सफल रहा है तो वहीं ये गोल्ड मेडल भी है। भारत के लिए पेरिस पैरालंपिक में अवनि लखेरा, नितेश कुमार, सुमित अंतिल, हरविंदर सिंह, धर्मबीर और प्रवीन कुमार ने गोल्ड मेडल जीता है।

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