खबरे छत्तीसगढ़
*राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियों अभियान ,राजधानी सहित जिले में पिलाई गई बच्चों को दवा *
रायपुर । राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियों अभियान के तहत आज रायपुर जिले के 0 से 5 वर्ष तक के आयु समूह के सभी बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलायी गई। आज के अभियान के दौरान किसी कारणवश छूटे गए बच्चों को 20 और 21 जनवरी को भी घर-घर जाकर पोलियों की खुराक दी जाएगी। अभियान के तहत जिले में 1370 बूथ लगाये गए और प्रत्येक बूथ म4सदस्य थेें।इस अभियान के तहत जिले में 3लाख 42 हजार 544 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है।
क्राइम
प्रेम प्रसंग बना हत्या का कारण: पत्नी ने प्रेमी एवं एक अन्य के साथ मिलकर की पति की हत्या
हत्या में शामिल दो अन्य आरोपी भी जल्द ही होंगे पुलिस की गिरफ्त में
सुरेश मिनोचा: मनेंद्रगढ़/एमसीबी : जिले की कोतवाली पुलिस ने मनेंद्रगढ़ निवासी रईस अहमद की हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए मृतक की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।वहीं हत्या में मृतक की पत्नी का साथ देने वाले दो अन्य आरोपियों को पुलिस ने जल्द गिरफ्तार कर लेने की बात कही है। उपरोक्त संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 16.05.2024 को सुबह 06.15 बजे पुलिस को मोबाईल से सूचना मिली कि मौहारी पारा चनवारीडांड ग्राउण्ड, फारेस्ट डिपो के पीछे एक व्यक्ति का शव पड़ा है।मौके पर पहुंच कर पुलिस द्वारा सूचना की तसदीक करने पर मृतक रईस अहमद को अज्ञात आरोपी के द्वारा हाथ मुक्का एवं लात तथा हथियार से मारपीट कर चोट पहुंचा कर हत्या करना प्रथम दृष्टया पाया गया।
मृतक के भाई नसीर अहमद के द्वारा मौके पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि मेरे चचेरे भाई मृतक रईस अहमद की शादी करीबन 4-5 वर्ष पूर्व मौहारपारा के मो. याकूब की लड़की सफीना के साथ सामाजिक रीति रिवाज से हुई थी।दोनो के दाम्पत्य जीवन से एक पुत्री पैदा हुई जिसकी उम्र 03 वर्ष है। रईस की पत्नी सफीना करीबन 04-05 माह पूर्व गढ़वा झारखण्ड के रहने वाले आलम के लड़के आरजू खान के साथ भाग गई थी, जिसे रईस अपने साथ लेकर मनेन्द्रगढ़ आ गया था एवं पिछले 01 डेढ माह से अपनी पत्नी एवं बच्ची को साथ लेकर मौहारीपारा
चनवारीडांड में किराये के मकान में रह रहा था। दिनांक 15.05.2024 की रात्रि में अज्ञात आरोपी द्वारा मृतक के साथ मारपीट कर हत्या कर उसके शव को फारेस्ट डिपो के पीछे ले जाकर फेंक दिये जाने की रिपोर्ट पर थाना मनेन्द्रगढ़ में अपराध क्रमांक 159/24 धारा 302 भा.द.सं. कायम किया गया। पुलिस अधीक्षक जिला एमसीबी चन्द्रमोहन सिंह के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वाडेगांवकर एवं पुलिस
अनुविभागीय अधिकारी ए. टोप्पो के मार्गदर्शन में विवेचना के दौरान मृतक की पत्नी सफीना से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि उसने दिनांक 15.05.2024 को आरजू के पास फोन कर अपने पति रईस अहमद की हत्या कराने की योजना बनाई।दिनांक 15.05.2024 के रात्रि करीबन 02.00 बजे आरजू अपने बुआ के लड़के खुशी के साथ मौहारीपारा मनेन्द्रगढ़ अपनी मोटर सायकल से आया, आने के बाद सफीना के पास फोन किया तो सफीना दरवाजा खोली, जिसके बाद दोनो मृतक रईस अहमद के बेड रूम में जाकर मृतक को सोते हुये हाथ मुक्का एवं लात तथा थार दार हथियार से मारपीट कर गले में गमछा बांध कर गला घोट कर हत्या कर दिये तथा साक्ष्य को छिपाने के लिए मृतक के शव को फारेस्ट डिपो के पीछे ले जाकर रख दिये थे।
आरोपिया सफीना खातून पति स्व.रईस अहमद उम्र 21 वर्ष निवासी मौहारीपारा से घटना में प्रयुक्त मोबाईल जप्त कर आरोपिया के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर आरोपिया को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। प्रकरण में धारा 201, 120 (बी), 34 भा.द.सं. जोडी गई है।आरोपी आरजू खान तथा खुशी की गिरफ्तारी हेतु टीम रवाना की गई है।जो यथा शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।उक्त कार्यवाही में निरीक्षक अमित कौशिक थाना प्रभारी मनेन्द्रगढ़, उप निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, सउनि चेतन राजवाडे,राजेश शर्मा,किशन चौहान,नईम खान,प्र.आर. इस्तयाक खान,मुमताज खान, हेमन्त मिंज,पुष्कल सिन्हा, राकेश शर्मा, बिनको बहालेन एक्का, आरक्षक जितेन्द्र ठाकुर, भूपेन्द्र यादव, राकेश तिवारी, रवि साहू हिरत राम, महिला आरक्षक साधना सरोज एक्का की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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विद्यार्थियों के लिए योग समर कैंप का आयोजन 20 मई से
योग गुरु उपाध्याय देंगे योग प्रशिक्षण
सुरेश मिनोचा:मनेद्रगढ़/एमसीबी : ग्रीष्मकालीन अवकाश में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों,शिक्षकों, अभिभावकों के शारीरिक सौष्ठव एवं सकारात्मक चिंतन के लिए योग एवं प्राणायाम की निःशुल्क योग कक्षा का संचालन सरस्वती शिशु मंदिर के खेल प्रांगण में प्रातःकालीन सत्र में प्रातः 6:00 बजे से किया जायेगा।इस समर योग कैंप का संचालन वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सतीश उपाध्याय के द्वारा किया जायेगा। योग सत्र 15 जून तक विद्यार्थियों शिक्षकों के लिए पृथक पृथक संचालित किया जाएगा। योग का प्रथम बैच 20 मई से प्रारंभ किया जायेगा, जिसके लिए इच्छुक विद्यार्थी अपना पंजीयन 9300091 563 के माध्यम से या योग कैम्प स्थल पर उपस्थित होकर करा सकते हैं। योग के समापन सत्र में छत्तीसगढ़ योगासन स्पोर्ट्स के जिला अध्यक्ष, युवा प्रशिक्षक उपस्थित रहेंगे। योग का संपूर्ण पैकेज स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जारी योग शिक्षा के अनुरूप प्रदान किया जाएगा।
15 जून तक संचालित होने वाले योग एवं प्राणायाम में सूर्य नमस्कार के 12 आसन, भस्त्रिका, कपालभाति, उदगीथ भ्रामरी एवं योग के साथ सूक्ष्म व्यायाम, उत्तानपादासन, नौकासान, पवनमुक्तासन, पादांअंगुष्ठस्पर्शासन , मंडूकासन जैसे प्रमुख आसनों का अभ्यास कराया जाएगा। शिविर संचालक सदिश उपाध्याय ने समस्त विद्यालयो के प्राचार्य एवं खेल शिक्षकों से अनुरोध किया है कि वे प्रतिभागियों को योग प्राणायाम प्रारंभ होने के 10 मिनट पूर्व योग स्थल पर खाली पेट उपस्थित होने हेतु निर्देशित करें। योग सत्र में विशिष्ट प्रदर्शन करने वालों योग साधकों विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को पतंजलि योग समिति की निशुल्क सदस्यता दी जाएगी।
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“जादू एक विशुद्ध कला है।’’जिसमें दक्षता तथा निरंतर अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है”: जादूगर गोगीया
सुरेश मिनोचा: मनेंद्रगढ़/एमसीबी : जादू की दुनिया में सामान्यतः कहा जाता है कि जादू वही जो सिर चढ़कर बोले।यह बात सही रूप में चरितार्थ हो रही है,जादूगर गोगीया सरकार के जादू के लिए। जी हॉं पिछले दो सप्ताह से चला आ रहा जादू का प्रदर्शन अब मनेंद्रगढ़ वासियों के सर चढ़कर बोलने लगा है। जादूगर गोगीया अपने जादुई करिश्मों की झड़ी से मनेंद्रगढ़ के खेड़िया टॉकीज में दर्शकों पर जादुई प्रभाव छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यही वजह है कि जादूगर गोगीया सरकार बहुत ही कम समय में भारतीय जादूगरों की पहली कड़ी में शामिल हो गये है। वे बिहार सहित लगातार झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, छत्तीसगढ़, आसाम, बंगाल विशेष कर उत्तर भारत के हिन्दी भाषी क्षेत्र के नक्शे पर अपनी अलग पहचान बना चुके है।इन दिनों वे मनेंद्रगढ़ के दर्शकों को उनकी तनाव भरी जिन्दगी से निकाल कर शुद्ध मानसिक मनोरंजन देकर उनके मन में खुशियॉं भरने में व्यस्त है।बातचीत के क्रम में वे कहते हैं कि ‘‘जादू एक विशुद्ध कला है।’’जिसमें दक्षता तथा निरंतर अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।जादूगर गोगीया सरकार स्वयं को पी.सी.सरकार, के. लाल, आनन्द की परम्परा की कड़ी नहीं मानते वरन वे अपने आप को स्वतंत्र रूप से विकसित एक जादूई व्यक्तित्व मानते है। बारह वर्ष की कच्ची उम्र से ही वे जादू की ओर उन्मुख हुए तथा अपनी कड़ी मेहनत, लगन, निरंतर अभ्यास से राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत पायी और अपनी अलग पहचान सारी पुरानी परम्पराओं को तोड़ते हुए बनायी।
एक प्रश्न के जवाब में वे कहते हैं कि मैं पी. सी. सरकार की परंपरा का नहीं हॅुं। पी.सी.सरकार की दिशा अलग थी। जादूई कला उन्हें विरासत में मिली थी।जबकि मेरा जादू मेरे कठिन परिश्रम और लगन का परिणाम है। बात ही बात में यह पूछने पर कि क्या आपने शमशान में सिद्धि की है? इस पर जादूगर गोगीया सरकार कहते है कि मैनें कोई शमशान में सिद्धि नहीं की है।यह तो अभ्यास है जो वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुरूप दृष्टिभ्रम करके प्रदर्शित किया जाता है।जादू कला सम्मोहन साधना तथा योग विद्या का सम्मिश्रण है।जादू कला का तंत्र-मंत्र से कुछ लेना देना नहीं है, बल्कि यह तो अंधविश्वास को दूर करता है।गोगीया सरकार ने चर्चा करते हुए आगे कहा कि पुराने जमाने में इसे इन्द्रजाल या मायाजाल के नाम से भी जाना जाता था।जबकि वर्त्तमान समय में शुद्ध मनोरंजन देने वाली कला है जादू।जादूई शो में गोगीया सरकार के एक से बढ़कर एक हैरत अंगेज कारनामों में दर्शकों को उनकी कल्पनाओं तथा किस्से कहानियों में सुनी गयी फैंटासी जीवंत रूप में नजर आती है,तब दर्शक गोगीया सरकार के जादुई प्रभाव से विमोहित और चमत्कृत हुए बिना रह नहीं पाते। खाली बक्से में बन्द राजकुमारी को भाले से भेद देने के बाद गायब कर देना और पुनः जीवित दिखाना।
लड़के को दो हिस्सों में काटने के बाद अलग-अलग कर देना और उसके शरीर से खून का एक बुंद भी न निकलने देना एवं लड़के को जोड़कर पुनः जिन्दा कर देना जादूगर गोगीया सरकार के बांये हाथ का खेल बन चुका है। एक जहरीली नागिन को जब एक युवक दर्शक दीर्घा के बीच से लेकर गुजरता है, तो लोग उसे देखकर सहम जाते है। इस जहरीली नागिन को लोगों की ऑंखों के सामने एक पारदर्शी बक्से में बंद किया जाता है, लेकिन जब उस स्थान पर एक खूबसूरत नवयौवना इठलाती हुई बाहर आती है, तो आष्चर्य की तमाम सीमाए भी अकथनीय लगती है।अपने खेलों की कड़ी में वे दिखाते हैं कि सन्दूक में बन्द युवक पल भर में कैसे बाहर आ जाता है और सन्दूक पर खड़ी लड़की सन्दूक में कैसे बन्द हो जाती है।जिन्दा लड़की के सर को अलग कर दस फुट की दूरी पर काट कर रखना और उसका जिन्दा रहना।पल भर में घोड़े का गायब हो जाना। यह कम बड़ी जादूगरी नहीं बल्कि वेदों, महाभारत और रामायण में वर्णित इन्द्रजाल का कमाल है। इनकी पीढ़ियों का इस कला से कोई संबंध नहीं है, यह इनका व्यक्तिगत शौक है, जो स्कूल जाने के समय से ही लगा और इनके कदम धीरे-धीरे जादुई दुनिया की ओर बढ़ने लगे और आज सार्वजनिक और व्यवसायिक कीर्तिमानों के साथ-साथ निरंतर आगे बढ़ते जा रहे है।
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