देश-विदेश
पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि, 152वीं जयंती पर इस तरह किया याद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 152वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उनका जीवन व आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’
पीएम मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को भी उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजघाट पर पहुंच कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बापू को श्रद्धांजलि देने राजघाट पहुंचे।
महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया। अहिंसक विरोध का उनका सिखाया हुआ सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है।
देश-विदेश
चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में पीएम मोदी से मांगा जवाब, राहुल गांधी को भी भेजा नोटिस
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा है। आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक दोनों नेताओं से जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर आचार संहिता उल्लंघन के मामलों को संज्ञान में लेते हुए यह नोटिस जारी किया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 के का उपयोग करते हुए यह नोटिस जारी किया है। राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी जबकि पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आयोग से शिकायत की थी। चुनाव आयोग ने दोनों शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद यह नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं से 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है।
देश-विदेश
चीन और ईरान के बीच होने जा रही ऐसी डील, भारत की बढ़ सकती है टेंशन…
ईरान:- ईरान पर आरोप लगता आया है कि वे मध्यपूर्व में विद्रोह समूहों को ड्रोन और मिसाइल देता है. यहां तक कि यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने भी ईरान से उसके सस्ते ड्रोन खरीदे हैं. हाल ही में किए गए इजराइल पर हमले के बाद ईरान ने ये साबित कर दिया कि उसके ड्रोन 2 हजार किलोमीटर की दूरी से भी हमला करने में सक्षम हैं. जिसके बाद दुनिया की बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत ने भी ईरान के इन ड्रोन को अपनी सेना में शामिल करने का फैसला किया है. खबरों के मुताबिक, चीनी सेना ने ईरान को 15,000 आत्मघाती ड्रोन का ऑर्डर दिया है और इसके अलावा रूस भी ईरान से दोबारा बैलिस्टिक मिसाइलें खरीदने जा रहा है. चीन और रूस दुनिया की बड़ी ताकत हैं और इनकी सैन्य ताकत अमेरिका की सेना से भी कम नहीं है. ऐसे में इन देशों का ईरान से हथियार खरीदना बताता है कि ईरान ने अपनी सैन्य क्षमता किस हद तक बढ़ा ली है.
रूस ने खरीदे ईरानी ड्रोन
पिछले साल जून में व्हाइट हाउस ने कहा थी कि रूस ईरान के साथ अपने रक्षा सहयोग गहरा कर रहा है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने बताया था कि रूस ने ईरान से ड्रोन खरीदे हैं, जिनका इस्तेमाल वे यूक्रेन पर हमला करने के लिए कर रहा है. बता दें यूक्रेन-रूस युद्ध में ईरान के ड्रोन और अनक्रूड एरियल व्हीकल (UAV) का इस्तेमाल अच्छी तादाद में हुआ है. चीन का इतनी बड़ी तादाद में ड्रोन खरीदना भारत के लिए भी खतरा बन सकता है. क्योंकि भारत का चीन के साथ सीमा विवाद पिछले कुछ सालों में गहरा हुआ है.
इजराइल हमले में दिखाई ताकत
अमेरिका और रूस दुनिया भर में अपने हथियार बेचते आए हैं. दुनिया के किसी भी कोने में जंग हो, इन दोनों देशों का नाम जरूर आता है. जानकार मानते हैं युद्ध अपने हथियारों की गुणवत्ता दुनिया को दिखाने का अवसर प्रदान करता है. दुनिया के किसी भी क्षेत्र के युद्ध में अमेरिका, फ्रांस ,ब्रिटेन और रूस का कूदना भी इस बात का सबूत है. जंग में अगर किसी देश के हथियार अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उनकी मांग बढ़ जाती है. ईरान का इजराइल पर हमला करना उसको आर्म एक्सपोर्ट में मददगार साबित हो रहा है.
देश-विदेश
इस देश में गर्मी से हाल बेहाल, स्कूल हुए ऑनलाइन..
फिलीपींस:- मौसम की मार बेहद ही खतरनाक होती है। मौसम कब भीषण रूप ले ले, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस समय कई देशों में भीषण गर्मी देखने को मिल रही है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। फिलीपींस (Philippines) भी इन देशों में से एक है। फिलीपींस में गर्मी ने लोगों के हाल बेहाल कर रखे हैं। लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।
स्कूल हुए ऑनलाइन
फिलीपींस में भीषण गर्मी के चलते कई स्कूल ऑनलाइन हो गए हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार तक देशभर में 6,700 स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज़ शुरू करने का फैसला ले लिया है जिससे स्टूडेंट्स को गर्मी में स्कूल न आना पड़े।
3 महीने सबसे गर्म
फिलीपींस में मार्च, अप्रैल और मई तीन सबसे गर्म महीने रहते हैं। ऐसे में इन तीनों महीनों के दौरान फिलीपींस में लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो जाता है।
लोगों का सांस लेना हो रहा है मुश्किल
फिलीपींस में गर्मी की वजह से कई लोगों का तो सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। लोग गर्मी से बचाव के लिए अलग-अलग उपाय कर रहे हैं।
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