खरगोन: मध्य प्रदेश के निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का बीमारी के उपरांत 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। साथ ही अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सीएम मोहन यादव भी अंतिम दर्शन के लिए खरगोन जाने वाले हैं।
आश्रम में हुआ निधन
खरगोन एसपी धर्मराज मीणा ने बताया कि संत सियाराम बाबा का आज सुबह 6:10 पर नर्मदा तट के समीप भट्टयांन स्थित आश्रम में निधन हो गया। उनकी पार्थिव देव को अंतिम दर्शन हेतु रखा गया है। आज शाम 4:00 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस दौरान उपस्थित रहेंगे।
निजी अस्पताल में कराया गया था भर्ती
संत सियाराम बाबा को कुछ दिन पूर्व निमोनिया के चलते सनावद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी इच्छा के मुताबिक वहां से डिस्चार्ज होने के बाद वे कसरावद तहसील के अंतर्गत भट्टयांन स्थित आश्रम में लौट आये थे।
लगातार डॉक्टर कर रहे थे चेकअप
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज इंदौर की टीम ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कर उपचार का प्रोटोकॉल निर्धारित किया था। इसके अलावा डॉक्टर यादव निरंतर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे। आज डॉक्टर यादव का उनके दर्शन करने आश्रम आने का कार्यक्रम भी था किंतु इसके पूर्व ही बाबा ने देह त्याग दी।
आश्रम में ही सारी सुविधाएं उपलब्ध
इसके तहत आश्रम में ही टर्शियरी लेवल की सुविधा उपलब्ध कराकर चिकित्सकों की टीम द्वारा उनके स्वास्थ्य की देखरेख की जा रही थी। साथ ही भक्तों द्वारा भजन व जाप आदि किए जा रहे थे।
दान में लेते थे बस 10 रुपए
सेवादारों के मुताबिक हनुमान भक्त बाबा दान स्वरूप ज्यादातर ₹10 ही लेते थे। इस धन राशि को नर्मदा घाटों की मरम्मत और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के उन्नयन में प्रदान कर देते थे। ज्यादा शिक्षित नहीं होने के बावजूद वह लगातार रामचरितमानस का पाठ करते रहते थे। आने वाले भक्तों को वे आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर सकारात्मक ऊर्जा से ओत प्रोत कर देते थे।
एक पैर पर खड़ा रहकर की थी तपस्या
उनके बारे में बताया जाता है कि वह 12 वर्ष तक एक पैर पर खड़े रहकर उन्होंने तपस्या की थी। सभी मौसमों में लंगोट ही धारण करने वाले सियाराम बाबा अपना सभी काम खुद ही करते थे और भोजन भी स्वयं पकाते थे।
उत्तराधिकारी कौन होगा?
आज उनके निधन की खबर सुनते ही भक्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। वह बड़ी संख्या में उनके आश्रम पहुंच रहे हैं। बाबा ने अपना उत्तराधिकारी फिलहाल किसे घोषित किया ,यह स्पष्ट नहीं है।