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जौनपुर की फैमिली जज रीता कौशिक कौन हैं? आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष ने जिन पर लगाया घूसखोरी का आरोप

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जौनपुर :  बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष के वायरल वीडियो और मौत से पहले लिखे 24 पन्नों के नोट ने सभी को हतप्रभ कर दिया है. अतुल सुभाष ने मौत से पहले एक घंटे का वीडियो बनाया और 24 पन्ने का विस्तृत पत्र लिखते हुए उन सभी लोगों का नाम लिया जो उनकी मौत के जिम्मेदार रहे. अतुल सुभाष किस कदर सिस्टम और अपनी पत्नी से प्रताड़ित थे उसका अंदाजा शायद ही कोई लगा सके. उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार सबसे पहले जौनपुर की पिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक को बताया है. उसके बाद पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और पत्नी के चाचा सुशिल सिंघानिया को आरोपी ठहराया है.

अतुल सुभाष ने मौत से पहले लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि जब उन्होंने जज के चैम्बर में आत्महत्या की बात की थी तो उन्हें हंसी आ गई थी. इतना ही नहीं जज के पेशकार माधव को महाभ्रष्ट बताते हुए कहा कि उनसे केस सेटल करने के लिए 5 लाख रुपए की घूस मांगी गई थी. अतुल ने यह भी आरोप लगाया कि जज रीता कौशिक के पेशकार ने 2022 में उनसे 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी.  न देने पर एलुमनी और मेंटेनेंस का आदेश जारी कर दिया गया. जिसके तहत पत्नी को 80 हजार रुपए महीने गुजारा भत्ता देना था.

अतुल सुभाष ने जज रीता कौशिक पर लगाए ये आरोप
अतुल सुभाष ने लिखा है कि सुसाइड के लिए उकसाने का पहला मामला 21 मार्च 2024 को शुरू हुआ. जौनपुर प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की रीता कौशिक के केबिन में उन्हें बुलाया गया. उस वक्त उनकी पत्नी भी वहां मौजूद थीं. जज ने उनसे कहा, केस सेटल क्यों नहीं कर लेते। जिस पर अतुल सुभाष ने कहा कि मैडम पहले ये लोग 1 करोड़ की डिमांड कर रहे थे, मेंटेनेंस के आदेश के बाद अब 3 करोड़ की डिमांड कर रहे हैं. जिस पर जज रीता कौशिक ने कहा- तो हिन्ज तुम्हारे पास, इसलिए मांग रहे हैं. जिस पर अतुल सुभाष ने कहा- मैडम पिटीशन देखिए इन लोगों कैसे कैसे आरोप लगाए हैं मेरे और मेरी फैमिली के ऊपर. कितने सारे केसेस डाले हैं. मुझे मेरे बच्चे से मिलने नहीं दे रहे. यह खुद घर छोड़कर आयी थी. मुझे और मेरी फैमिली को हैरास कर रही है. मुझे बंगलोरे से जौनपुर आना पड़ता है. जिसके बाद जज ने कहा कि तो क्या हुआ केसेस डाल दिए तो, तुम्हारी पत्नी है. जिसका जवाब देते हुए अतुल सुभाष ने कहा कि मैडम आप  NCRB का डाटा देखो, ऐसे फर्जी मामलों से प्रताड़ित होकर लाखों लोग सुसाइड कर रहे हैं. फिर जज ने हँसते हुए कहा कि तुम भी सुसाइड क्यों नहीं कर लेते? इसके बाद उन्होंने मेरी पत्नी को बाहर भेज दिया और कहा कि केस को सेटल कर लो वरना पूरा परिवार कोर्ट के चक्कर काटेगा. मैं जानती हूं कि ये झूठे केस हैं. लेकिन ऐसा ही होता है. केस सेटल कर लो मैं मदद करुंगी. मैं 5 लाख रुपए लुंगी और इसी कोर्ट में केस सेटल करवा दूंगी. हालांकि, अतुल सुभाष ने पैसे देने से इनकार कर दिया और कहा कि एविडेंस और केस को मेरिट के आधार पर सुना जाए.

कौन हैं जज रीता कौशिक?
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन्मीं रीता कौशिक ने बतौर मुंसिफ 20 मार्च 1968 को अपने न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी. 1999 में उनकी तैनाती सहारनपुर में जूडिशल मैजिस्ट्रेट के तौर पर हुई. 2000-2002 तक उन्होंने मथुरा में एडिशनल सिविल जज के तौर पर तैनात रहीं. मथुरा में ही उन्होंने प्रमोशन मिला और वह सिविल जज बन गईं. 2003 में अमरोहा सिवल जज (जूनियर डिविजन) के तौर पर तैनात रहीं. इसके अलावा वह लखनऊ में स्पेशल सीजेएम रहीं. इसके बाद प्रमोट होकर वह एडिशनल चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट बन गईं. उन्होंने अयोध्या में भी डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज के तौर पर अपनी सेवाएं दी. 2018 में वह पहली बार अयोध्या में ही फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं और 2022 तक अयोध्या में ही तैनात रहीं. अयोध्या से उनका ट्रांसफर जौनपुर हो गया और तब से वह यहीं पर फैमिली कोर्ट में प्रिंसिपल जज के तौर पर तैनात है.

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