अम्बागढ़ चौकी :-ऐसी जानकारी मिली है कि दिनांक 7.12.2024 को आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, अंबागढ़ चौकी में पी टी ए की बैठक हुई जिसमें स्कूल के प्राचार्य द्वारा बहुत सी भ्रामक जानकारी एसएमडीसी अध्यक्ष पी टी ए अध्यक्ष और पी टी ए मेम्बर्स को दी गई ।पीटीए सदस्यों से बात करने पर पता चला कि सबसे पहले smdc अध्यक्ष द्वारा यह बात रखी गई कि ऐसी शिकायत मिली है कि बच्चों को कंप्यूटर का उपयोग नहीं करने दिया जाता है जिसके जवाब में प्राचार्य की उपस्थिति में सुशील चौरसिया (भौतिक व्याख्याता ,हिंदी माध्यम) द्वारा पी टी ए मेम्बर्स को यह बताया गया कि कंप्यूटर के यूपीएस को बच्चों ने खराब कर दिया है जिस वजह से सारे कंप्यूटर खराब हो गए हैं जोकि बहुत ही हास्यास्पद है ईस संबंध में जब कंप्यूटर विशेषज्ञ से जानकारी ली गई तो पता चला कि यूपीएस का पूरा नाम अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई है जो की एक ऐसा डिवाइस होती है जो बिजली न होने पर काम आती है। कंप्यूटर का उपयोग करने के लिए यूपीएस का होना जरूरी नहीं है। यह सरासर गलत बात है। हर स्कूल में कंप्यूटर के साथ सीपीयू होते हैं और हर कंप्यूटर का अपना अलग सीपीयू होता है लेकिन आत्मानंद विद्यालय अंबागढ़ चौकी में लगभग 20 से 25 कंप्यूटर के ऊपर एक भी सीपीयू नहीं दिखाई पड़ता है। जबकि अगर सरकार द्वारा कंप्यूटर दिए गए हैं तो उनके साथ सीपीयू भी दिए गए होंगे ऐसी क्या जरूरत पड़ गई की सुशील चौरसिया जी द्वारा 20 -20 कंप्यूटर को एक ही कंप्यूटर से कनेक्ट करके रखा गया हैं जोकि जांच का विषय है? क्योंकि एक सीपीयू की कीमत लगभग 25 से 30000 रूपए का है वही 20 से 25 सीपीयू का स्कूल में न होना जांच का विषय है अगर स्कूल को कंप्यूटर के साथ सीपीयू नहीं मिला है तो ठीक है लेकिन अगर स्कूल को कंप्यूटर के साथ सीपीयू मिला है तो यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है।
अगर हर कंप्यूटर में अपना सीपीयू होता तो एक कंप्यूटर की खराबी से सिर्फ वह एक कंप्यूटर ही खराब होता ना कि पूरे कंप्यूटर जो कि अब हो रहा है क्योंकि सारे कंप्यूटर को एक कंप्यूटर से कनेक्ट करके सुशील चौरसिया द्वारा रखा गया है और उनका यह कहना कि यूपीएस खराब हो जाने से सारे कंप्यूटर बंद पड़ गए हैं बहुत ही हास्यास्पद है। बच्चे सालों से कंप्यूटर क्लासेस नहीं जा रहे हैं। सुशील चौरसिया द्वारा यह जानकारी दी जाती है कि पूर्व माध्यमिक शाला में हजारों रुपए खर्च कर वाई-फाई कनेक्शन लगाया गया है जबकि वहां कोई भी वाई-फाई कनेक्शन दिखाई नहीं देता है? और तो और उनके द्वारा यह बोला जाता है कि सर्वर डाउन रहता है करके बच्चे कंप्यूटर का उपयोग नहीं कर पाते हैं जबकि यह सब को पता होना चाहिए कि कंप्यूटर चलाने के लिए इंटरनेट का होना जरूरी नहीं है ।अगर हम बच्चों को बेसिक नॉलेज दे रहे हैं उनको पावर पॉइंट , वर्ड और एक्सेल में काम करना सिखा रहे हैं तो उसके लिए इंटरनेट की कोई जरूरत नहीं होती है। यह सब तो बच्चों को कंप्यूटर का लाभ लेने से वंचित करने के बहाने हैं । यहां के पालको को जिन्हें कंप्यूटर की उतनी जानकारी नहीं है उनको सुशील चौरसिया भ्रामक जानकारी दी जा रही है और उनको अंधेरे में रख रहे हैं जो की प्राचार्य की मौजूदगी में हो रहा है। बहुत ही खेदजनक है और इससे स्कूल के बच्चों का नुक़सान हो रहा है।
और तो और सबसे बड़ी बात यह भी है कि स्कूल के प्राचार्य द्वारा एसएमडीसी अध्यक्ष पी टी ए अध्यक्ष और पी टी ए मेम्बर्स के सामने यह स्पष्ट किया गया कि सरकार द्वारा कंप्यूटर के लिए कोई भी पुस्तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। सरकार कंप्यूटर विषय के प्रति गंभीर ही नहीं है और इसीलिए हमारे स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति ही नहीं की गई है जो की एक बहुत बड़ी बात है क्योंकि जहां तक हमें जानकारी मिली है कि गीतिका देशमुख जी कंप्यूटर शिक्षक के रूप में विद्यालय में पदस्थ है। लेकिन प्राचार्य द्वारा गीतिका देशमुख जी की उपस्थिति में यह कहना कि सरकार द्वारा हमारे विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है तो फिर गीतिका देशमुख जी किस पद पर कार्यरत है? अंबागढ़ चौकी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्य द्वारा ईस तरह स्कूल के एस एम डी सी अध्यक्ष और पीटीए अध्यक्ष एवं सदस्यों की उपस्थिति में उन्हें झूठ बोलकर गुमराह किया जाना कहां तक उचित है? प्राचार्य द्वारा ईस तरह सरकार की छबी खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में और भी बहुत सारे विषयों में चर्चा हुई जिसमें बहुत सारी भ्रामक जानकारी प्राचार्य द्वारा सबको दी गई और सारा दोष सरकार के ऊपर लगाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आज मेरे द्वारा व्हाट्सएप पर एक पोस्ट वायरल की गई थी जिसमें समाचार पत्र पर यह समाचार छपी थी कि सरकार ने स्कूलों को मिलने वाले फंड पांच-पांच लाख रुपए स्कूलों को देना बंद कर दिया है जिससे हमें बहुत नुकसान हो रहा है स्कूल को 500000 रुपए नहीं मिलने से हम कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। जब हमने इसकी जानकारी निकली तो हमें पता चला कि स्कूलों को मिलें आकस्मिक मद में हुए भ्रष्टाचार की जांच सरकार द्वारा कराई जा रही है क्योंकि सरकार को ऐसी शिकायतों मिली है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था और इसमें कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं जिसमें स्कूलों के प्राचार्यो द्वारा बिना कार्य किया ही बिल निकाल लिया गया है। किंतु ईस तरह एक सरकारी कर्मचारी को सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल करना और सरकार की छबी खराब करने का प्रयास करना कहा तक सही है और अब ईसपर नवनियुक्त कलेक्टर महोदया क्या कार्यवाही करतीं उसका इंतजार सभी को है क्योंकि ईसी स्कूल के एक शिक्षक द्वारा ईस तरह का पोस्ट वायरल करने पर उन्हें जिला शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया था।यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि आत्मानंद स्कूल अंबागढ़ चौक की को मिले 500000 रुपए को कहां खर्च किया गया है?
ईस बैठक में अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई जिसमें प्राचार्य ने शिक्षकों की कमी पर भी बात रखी। लेकिन जहां तक हमें जानकारी मिली है हायर और हायर सेकेंडरी स्कूल में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है । विषय वार संविदा शिक्षक होते हुए भी औचित्य सेवाई एवं तोरणलाल बसु नियमित शिक्षकों को यहां अटैचमेंट में रखा गया है। जबकि उनकी यहां आवश्यकता ही नहीं है ईनकी आवश्यकता वहां हैं जहां यह पहले पदस्थ थे क्योंकि हायर सेकंडरी में कक्षाओं के हिसाब से पर्याप्त संविदा शिक्षक सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है ये दोनों शिक्षक जिन विषयों को पढ़ाते हैं उसके लिए सरकार द्वारा पहले से ही संविदा शिक्षकों की भर्ती ईस स्कूल में की जा चुकी है और यह दोनों शिक्षक ईस शाला में तब आयें है जब यहां पहले से ही ईनके विषयों के संविदा शिक्षकों की भर्ती हो चुकी थी अब देखना ऐसे शिक्षकों पर नवनियुक्त कलेक्टर महोदया क्या कार्यवाही करतीं हैं?ऐसी जानकारी मिली है कि एक अपने आप को प्रभारी प्राचार्य कहता है और एक सिर्फ कालखंड लेता है तो दूसरा दो कालखंड लेकर अपना सारा समय स्टाफ रूम में व्यतीत करता है। जिससे स्कूल के संविदा शिक्षक भी ईन्हे देखकर अपने कालखंडों को लेने में रूचि नहीं दिखाते है जिसका परिणाम है कि अतिरिक्त शिक्षकों के होने के बाद भी 10वीं और 12वीं बोर्ड कक्षाओं का कोर्स बहुत पीछे चल रहा है जोकि यहां के पालको के लिए चिंता का विषय है? क्योंकि ऐसी जानकारी मिली है कि पिछले सत्र में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट बहुत ही खराब आया था बैठक में जब हायर विंग का वॉशरूम बच्चियों को उपयोग नहीं करने देने के विषय में चर्चा हुई तो प्राचार्य ने यह साफ कह दिया कि मैंने बच्चों को मना नहीं किया है तब महिला पी टी ए मेम्बर्स ने प्राचार्य के मुंह में कहा की आपने मना किया है। और मैं ऐसा दावे से इसलिए कह सकतीं हूं क्योंकि आपने मेरी बच्ची को भी हायर सेकेण्डरी के बाथरूम में जाने से मना किया है। यह बहुत ही शर्मनाक है कि स्कूल के प्राचार्य के द्वारा छोटी बच्चियों को बाथरूम का उपयोग करने से मना किया जा रहा है। और गंदगी से भरें और बिना दरवाजे के बाथरूम में जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जिससे स्कूल की बच्चीयों को कभी भी यूरिन इंफेक्शन हो सकता है इसलिेए अंबागढ़ चौकी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के पालकों को ग़लत चीजों के लिए आवाज उठाना चाहिए क्योंकि एक तरफ सरकार सभी स्कूलों में अध्यनरत बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए प्रतिबद्ध है और सभी बच्चों को साफ बाथरूम और पीने का साफ पानी मिलें ईसके लिए सभी स्कूलों को पर्याप्त पैसा दे रही है जोकि जिले के अन्य स्कूलों में दिखाई भी पड़ता है वहां सभी बच्चों को साफ बाथरूम,साफ पानी, सभी बच्चों की कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे, नियमित रूप से स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई हो रही है लेकिन पूरे जिले में इकलौता स्कूल है अंबागढ़ चौकी में इन सभी चीजों के लिए बच्चों को साफ मना किया जाता है? जोकि बहुत ही शर्मनाक है इसलिए सभी पालकगण स्कूल में बच्चों के साथ हो रहे दोहरे व्यवहार पर संज्ञान ले और उचित कदम उठाए। क्योंकि यह सरकारी स्कूल आप सबका है किसी का ईसपर एकाधिकार नहीं है।