अपने पास इससे जुड़े हर तरह के सुबूत को एकत्रित कर के रखिए। अगर 1930 पर फोन नहीं उठता है तो साइबर क्राइम की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें। ये बातें दैनिक जागरण की ओर से जामा मस्जिद स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय नंबर-1, उर्दू माध्यम में आयोजित लुटेरा ऑनलाइन सतर्क रहें अभियान के तहत कार्यक्रम में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र में कार्यरत निशा पांडे ने कही।
उन्होंने कहा कि जागरुकता के अभाव में आजकल लोगों के साथ तेजी से स्कैम हो रहे हैं। लोग अनजाने में ऐसी लिंक पर क्लिक कर देते हैं या ऐसे एप डाउनलोड कर लेते हैं और फिर उनका सारा निजी डाटा अपराधियों के पास आ जाता है।
इसलिए किसी भी लिंक या एप को डाउनलोड करने से पहले ये जरूर जांच ले कि वो लिंक सही है भी या नहीं। इस दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य गय्यूर अहमद ने भी शिक्षकों को साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहने को कहा।
शेयर मार्केट में निवेश करे तो रहे सावधान- निशा पांडे
निशा पांडे ने शिक्षकों से कहा कि जब भी वो शेयर मार्केट में निवेश करें तो सेबी से पंजीकृत एप्लीकेशन का ही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि मार्केट में ऐसे शेयर मार्केट से बहुत सारे फर्जी एप्लीकेशन हैं जो लोगों के निवेश किए गए रुपयों की ठगी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल फोन पर पार्ट टाइम नौकरी के बहुत सारे संदेश आते हैं, जिसमें लिखा होता है घर बैठे 20 से 30 हजार कमाओ।
ये मैसेज केवल ठगी के लिए होते हैं। इसलिए इस तरह के मैसेज पर दी गई किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। उन्होंने कहा कि गूगल पर जब भी किसी वेबसाइट को सर्च करे तो सबसे पहले स्पांसर्ड वेबसाइट आती है, ये स्पांसर्ड वेबसाइट अधिकतर जालसाजों की ओर से तैयार की गई हैं, जो हुबहू मूल वेबसाइट की तरह लगेंगी। इसलिए वेबसाइट सर्च करने के बाद आख मूंद कर वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले देख ले कि कहीं ये स्पांसर्ड तो नहीं है।
डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं- नवीन
कमला मार्केट साइबर सेल थाना में तैनात एसआइ नवीन ने कहा कि आजकल बहुत सारे लोगों को काल आता है कि आपके नाम से एक पार्सल मिला है, जिसमें ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट, फर्जी सिम मिले हैं और कॉल करने वाला अपने आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी या अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी बन के वीडियो कॉल करता है।
आप कॉल से इतने डर जाते हैं कि एक-एक करके जालसाजों द्वारा मांगी जा रही जानकारियों को उनसे साझा करते हैं। फिर वो आपसे ही मांगी गई जानकारी से आपको गिरफ्तारी का वारंट दे देता है और दो से तीन दिन डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर के रखता है।
यानी वो आपको वीडियो कॉल बंद नहीं करने देता है और न ही किसी को फोन करने की अनुमति देता है। इस बीच वो आपसे आपकी जमा पूंजी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराकर आपसे ठगी कर लेता है। सभी को ये जानना बहुत जरूरी है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है।
जब भी कभी ऐसा हो तो आप घबराएं नहीं और ऐसे नंबरों को ब्लॉक कर दें या फोन काट दें। आपकी जागरुकता ही आपको इस तरह की ठगी से बचा सकती है।