वन विभाग के अधिकारियो की मनमानी
संवाददाता अमनपथ राजूनाथ जोगी,नगरी : उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व के अरसीकन्हार रेन्ज मे लाखो खर्च कर कर्मचारियो के लिये अवास क्वाटर बनाया जा रहा जो विगत लगभग चार वर्षो से अधूरा पडा हुआ है यही नही यहा शासन द्वारा वन विभाग कैम्पस को घेरने आहाता का निर्माण किया गया जो गुणवत्ताहीन के साथ अब तक अधूरा पडा है आहाता मे अब तक प्लास्टर तक नही किया गया जहा दिवाल अभी से जगह जगह फट रहा उल्लेखनिय है की धमतरी जिला के तीन रेन्ज टायगर रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत आता है जहा इनका मुख्यालय गरियाबंद है जिसके चलते आज धमतरी जिले के टायगर रिजर्व क्षेत्र आज भी विकास से पिछडा हुआ है. ग्रामीण आज भी मूलभूत समस्या सडक बिजली व अन्य छोटी छोटी समस्याओ के निदान के लिये टायगर रिजर्व के अधिकारियो पर आश्रित रहना पडता है जहा ये अधिकारी भी रिजर्व फारेस्ट के नियम कायदा का पल्ला झाड देते है ये तो आम वनवासियो की निर्माण कार्य को लेकर समस्याये है वही बात करे तो वन विभाग खुद के विकास व निर्माण कार्यो पर ध्यान नही दे रहे जिसके चलते आज भी टायगर रिजर्व के कई जगह कर्मचारियो के लिये बनाया गया आवास क्वाटर ही अधूरा है और जहा आवास क्वाटर बन गया है वहा कर्मचारी के निवास नही करने के चलते आज उपयोग के पहले ही कई अवास जर्जर होने की स्थिती मे है जहा वन विभाग के अधिकारी निर्माण कार्य के नाम पर सिर्फ शासन की पैसो का बर्बादी कर रहे.
निर्माण कार्य के लिये जंगलो से निकाला जा रहा रेत
वही बता दे टायगर रिजर्व के जंगलो मे पेड की कटाई व जंगलो से उत्खनन पर रोक है जहा वन विभाग के निर्माण कार्य के लिये बकायदा टेन्डर जारी कर ठेकेदार से रेत खरीदने का प्रावधान है मगर यहा अरसीकन्हार रेन्ज मे वन विभाग के अधिकारियो के रहमोकरम पर जंगलो के नदियो से बकायदा ट्रेक्टर लगाकर रेत निकाला जा रहा जहा नदियो ट्रेक्टर से रेत निकाल रहे मजदूरो ने अमनपथ संवाददाता को स्पष्ट बताया की फारेस्ट वाले अरसीकन्हार मे निर्माण कार्य के लिये रेत निकलवाते है जहा फारेस्ट वालो के लिये ही रेत निकालते है.
अरसीकन्हार मे पहले से दो क्वाटर
वही अरसीकन्हार फारेस्ट कम्पाउन्ड मे पहले से ही दो क्वाटर बना है जहा एक क्वाटर मे रिसगाव रेन्ज का कर्मचारी रहता है तो दूसरे मे अरसीकन्हार का अब पाच और नये क्वाटर का निर्माण हो रहा है जो अधूरा है वही मेचका मे भी नये अवास क्वाटर अधूरा है व लिलाज मे दो नया क्वाटर बन गया मगर यहा कोई निवास नही करते वही भैसासाकरा मे नया अवास तो तैय्यार हो गया मगर यहा एक भी दरवाजा नही लगा दरवाजा के अभाव नया भवन अब अराजक तत्वो का अड्डा बन गया.
वही जब इस संबंध मे अरसीकन्हार रेन्ज की रेन्जर प्रतिभा मेश्राम से काल कर जानकारी लिये तो उन्होने बताया की बीच मे काम चल रहा था अभी मजदूर कृषि कार्य के चलते नही आ रहे है जहा जंगलो से रेत निकालने के बारे मे पूछा गया तो रेन्जर मेडम ने फोन ही काट दिया.