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बढ़ सकती हैं भूपेश बघेल की बेटी की मुश्किलें? सहायक प्राध्यापक के पद पर हुआ था चयन, जानें क्या है मामला

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले को लेकर सियासत तेज है। छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेता उज्जवल दीपक ने सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात कर इस मामले में नया मुद्दा उठाया है। उज्जवल दीपक ने सीएम साय से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी दीप्ति बघेल की सहायक प्राध्यापक पद पर हुए चयन की भी सीबीआई जांच की मांग की है। इसके लिए उन्होंने सीएम साय को ज्ञापन भी सौंपा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग में हुई घोटाले की सीबीआई लगातार जांच कर रही है। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

उज्जलव दीपक ने अपने ज्ञापन में कहा- सन 2018 से लेकर 2023 तक आयोजित सभी परीक्षाएं और भर्तियों की सीबीआई से जांच करवाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने 2021 और 2022 में हुई सभी नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की है। सीएम साय ने इस मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।

सीजीपीएसपी के पूर्व अध्यक्ष हुए हैं गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही सीजीपीएससी को लेकर सियासत तेज हो गई थी। विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने से वादा किया था जिसे बीजेपी ने पूरा किया। अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया गै। इसके अलावा इस मामले में नीतेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, श्रवण कुमार गोयल, शशांक गोयल, भूमिका कटियार समेत तत्कालीन डेप्युची एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार किया है।

डेप्युटी कलेक्टर पर हुआ था भतीजे का सिलेक्शन

बता दें कि टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नीतेश सोनवानी का सिलेक्शन डेप्युटी कलेक्टर पर हुआ था। वहीं, साहिल सोनवानी की नियुक्ति डीएसपी रैंक पर हुई थी। वहीं, शशांक गोयल और उनकी पत्नी भूमिका गोयल की नियुक्ति डेप्युटी कलेक्टर के रैंक पर हुई थी।

क्या है विवाद

छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा 2019 से लेकर 2022 तक की भर्ती में कुछ उम्मीदवारों के सिलेक्शन को लेकर विवाद है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया है। आरोप है कि कई कोरबारी, नेता और अधिकारियों के परिजनों को गलत तरीके से नियुक्ति दी गई थी। इस भर्ती को लेकर युवाओं में आक्रोश था।

 

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