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सहजन की खेती के लिए सरकार देगी बढ़ावा, मिलेगा सब्सिडी का लाभ

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सरकार की ओर से किसानों को लाभकारी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि उन्हें अधिक मुनाफा हो सके और उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से सहजन की खेती (Sahjan ki kheti) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत किसानों को सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें सरकारी योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। खास बात यह है कि सहजन की लाभकारी खेती (sahjan ki labhkari kheti) के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी (Subsidy) का लाभ भी प्रदान किया जाता है। सहजन एक ऐसी फसल है जिसे 700 से अधिक रोगों में लाभकारी माना गया है। सहजन से होने वाले स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए यूपी सरकार की ओर से राज्य के किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य के कई जिलों में इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि सहजन की लाभकारी खेती से किसानों को काफी अच्छा मुनाफा मिलेगा।

सहजन को लेकर क्या है सरकार की योजना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सरकार की ओर से महिलाओं में एनीमिया कमी से निपटने के लिए सहजन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इस परियोजना के जरिये कुपोषण से जुड़े विषय पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी ताकि महिलाओं व किशोरियों का स्वास्थ्य बेहतर हो। सहजन की खेती को बढ़ावा दिए जाने के लिए गोरखपुर, वाराणसी व झांसी के 35 ब्लॉकों में अभियान को गति देते हुए सहजन के पौधरोपण और उसके उपयोग से जुड़े नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा।

व्हाट्सअप से दी जाएगी सहजन की जानकारी
राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सहयोग से राज्य स्तर पर इस परियोजना की शुरुआत पोषण माह के दौरान परियोजना के लोगो के अनावरण के साथ अधिशासी निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने की थी। राष्ट्रीय पोषण माह में सघन ऑनलाइन अभियान चलाया गया और सहजन से जुड़ी जानकारी व सुझाव के लिए 9569703306 व्हाट्सएप हेल्पलाइन लांन्च की गई। इस हेल्पलाइन को शुरु करने का उद्देश्य लोगों को सहजन से होने वाले लाभ और उसके उपयोग के बारे जानकारी देना है।

पोस्टर, बैनर के माध्यम से लोगों को किया जाएगा जागरूक
सिफ्सा के उपमहाप्रबंधक दिग्विजय त्रिवेदी के अनुसार प्रदेश के गोरखपुर, वाराणसी व झांसी इन तीनों जिलों में पोस्टर, बैनर के जरिये सहजन के उपयोग के प्रति लोगों को जागरुक किया जाएगा। जिलों के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और 100 चिह्नित स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के लाभों पर केंद्रित वॉल पेंटिंग होंगी ताकि किशोरियों और ग्रामीण जनता तक इसके बारे में जानकारी पहुंचे। नवविवाहित दंपति को दी जाने वाली शगुन किट में परिवार नियोजन सामग्री के साथ सहजन के फायदे वाला लीफलेट शामिल किया जाएगा ताकि गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से होने वाले फायदें मिल सके।

सहजन के लिए जागरुक अभियान के तहत यह होंगे काम
परियोजना जनपद के तीन चिह्नित विकास खंड में सर्वाइवल दर पर और नवाचार पर संपूर्ण परियोजना जनपद पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था है। इन श्रेणियों में प्रतिभागियों की वरियता क्रम में आधार पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके अलावा कुछ सांत्वना पुरस्कार जनपद स्तर पर प्रदान किए जाएंगे। समुदाय स्तर पर गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और जिलों के अनुभव साझा करने के लिए मासिक, त्रैमासिक, ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें आशा संगिनियों, बीसीपीएम, संबंधित विभागों, यूनिसेफ सहित कार्यशील सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

सहजन के सेवन से क्या मिलते हैं c
सहजन का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। यह एक पौष्टिक और औषधीय गुणों से युक्त पेड़ है जिसकी फलियाें का सेवन शरीर की बहुत सी बीमारियों में लाभकारी है। खासकर यह एनिमिया के कारण होने वाली खून की कमी को दूर करता है। एनीमिया जैसी समस्या अधिकतर महिलाओं, किशोरियों और बच्चों में होती है जिसे इसके सेवन से दूर किया जा सकता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा देने के साथ ही नया खून बनाने में सहायता करते हैं। सहजन शरीर में खून की कमी को दूर करने में सहायक है। उपमहाप्रबंधक के अनुसार सहजन की 100 ग्राम पत्तियों से दही से 9 गुना अधिक प्रोटीन, संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी, गाजर से 4 गुना अधिक विटामिन ए, केले से 15 गुना अधिक पोटैशियम, पालक से 25 गुना अधिक आयरन और दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम होता है जिससे इसका सेवन शरीर के लिए काफी लाभकारी है।

सहजन की खेती पर मिलती है सरकार से सब्सिडी (Subsidy)
सरकार की ओर से सहजन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को सहजन की खेती पर सब्सिडी (Subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। यदि बात करें सरकार की तो यहां पर सहजन की खेती के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। सरकार की ओर से सहजन की खेती की लागत 74,000 रुपए प्रति हैक्टेयर तय की गई है जिस पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 37 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर तक अनुदान दिया जाता है। योजना के तहत अनुदान की राशि को दो किस्तों में दिया जाता है। प्रथम किस्त या पहले साल में लाभार्थी को 27,750 रुपए प्रति हैक्टेयर और दूसरे साल में 9,250 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाता है। योजना के तहत दूसरी किस्त का भुगतान उसी स्थिति में किया जाता है जब लगाए गए पौधों में से 90 प्रतिशत पौधे जीवित होने चाहिए तभी दूसरी किस्त दी जाती है। इधर यूपी सरकार की ओर से भी सहजन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहजन की बाजार मांग भी काफी रहती है। ऐसे में सहजन की खेती किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है।

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