मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने धार्मिक और पवित्र नगरों में शराबबंदी का ऐलान किया है। महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में इन 17 स्थानों से शराब की दुकानों को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद उज्जैन, जबलपुर, मंदसौर समेत 17 शहरों में शराब पर पाबंदी लग जाएगी।
मोहन यादव सरकार ने मध्य प्रदेश के 17 शहरों में शराबबंदी का फैसला किया। इन शहरों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, खजुराहो, महेश्वर, ओरछा, सांची, नलखेड़ा, सलकनपुर, जबलपुर, मंदसौर आदि जिलों का नाम शामिल है। इसके अलावा नर्मदा नदी के तट के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में पहले से लागू शराबबंदी नीति जारी रहेगी।
शराबबंदी का सबसे महत्वपूर्ण फैसला
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेने से पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला शराबबंदी को लेकर किया जाएगा। आपको बता दें, उन्होंने आगे बताया कि विशेष परिस्थितियों में मंत्रियों को अपने विभाग में तबादले करने का अधिकार भी दिया गया है। आने वाले समय में विधिवत तौर पर ट्रांसफर पॉलिसी आएगी।
इन 17 जगहों पर होगी शराबबंदी
नगर पालिका
दतिया (मां पीतांबरा पीठ)
पन्ना (जुगल किशोर मंदिर)
मंडला (नर्मदा का प्रसिद्ध घाट)
मूलताई (ताप्ती नदी का उद्धम स्थल)
मंदसौर (पशुपतिनाथ मंदिर)
मैहर (मां शारदा मंदिर)
नगर परिषद
ओंकारेश्वर (ज्योतिर्लिंग)
महेश्वर (प्रसिद्ध नर्मदा घाट, प्राचीन मंदिर)
मंडलेश्वर (प्रसिद्ध नर्मदा घाट)
चित्रकूट (राम घाट, राम का वनवास बीता)
अमरकंटक (नर्मदा काउद्गम स्थल)
ओरछा (रामराजा सरकार मंदिर)
ग्राम पंचायत
सलकनपुर (बिजयासन माता मंदिर)
बरमान कलां (नर्मदा घाट)
लिंगा (प्रसिद्ध जैन मंदिर)
बरमान खुर्द (नर्मदा घाट)
कुंडलपुर (प्रसिद्ध जैन मंदिर)
बांदकपुर (देवश्री जागेश्वर नाथ मंदिर)
शराबबंदी पर CM मोहन यादव क्या बोले
मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक जगहों पर शराबबंदी के फैसले पर सीएम ने News 24 से बातचीत में बताया कि जनता के हित में फैसले लेने चाहिए। यही सरकार का मन्तव्य होना चाहिए। मुझे इस बात का संतोष है कि हम इस तरह के फैसले ले रहे हैं, जिसमें दूरगामी दृष्टि से जनता को लाभ मिलेगा। शराब की बुराई सब जानते हैं। दूध, घी की दुकानें खुलवाए या शराब की बंद कराएं। इस शराबबंदी से रेवेन्यू पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। हमारी सरकार सक्षम है।