
देवताओं के गुरु बृहस्पति देव को गुरुवार का दिन प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल पाने के लिए गुरवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां करती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियां की शादी शीघ्र हो जाती है।
धार्मिक मत है कि बृहस्पति देव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही साधक को जीवन में समय के साथ पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि गुरु की महादशा कितने साल तक चलती है और बृहस्पति देव को कैसे प्रसन्न करें? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
गुरु की महादशा
ज्योतिषियों की मानें तो गुरु की महादशा 16 साल तक चलती है। इस दौरान सभी शुभ और अशुभ ग्रहों की अंतर्दशा चलती है। इनमें सबसे पहले गुरु की अंतर्दशा चलती है। गुरु की अंतर्दशा दो साल की रहती है। इसके बाद शनि की अंतर्दशा चलती है। गुरु की महादशा में शुभ ग्रहों की अंतर्दशा में जातक को शुभ फल मिलता है। वहीं, राहु या केतु की अंतर्दशा में जातक को शुभ कामों में असफलता मिलती है। ऐसा भी होता है कि जातक को ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राहु और केतु के साथ गुरु के रहने पर गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है।
गुरु महादशा उपाय
- बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन भक्ति भाव से भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें। गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से गुरु मजबूत होता है।
- बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले रंग की चीजों का दान करें। आप पीले रंग के कपड़े, पीले फल, चना, केला, पपीता आदि चीजों का दान करें। इन चीजों के दान से गुरु मजबूत होता है।
- गुरुवार के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय केसर मिश्रित दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भी बृहस्पति देव की कृपा साधक पर बरसती है।
- गुरुवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद पीले रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। वहीं, केले के पौधे को हल्दी मिश्रित जल का अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं।