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तासीर में ठंडी चिरौंजी, पेट को रखती है बीमारियों से दूर, जानिए कैसे करें सेवन

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गर्मी में खानपान की वजह से पेट की समस्याएं सबसे ज्यादा परेशान करती हैं। खासतौर से जो लोग अक्सर बाहर का खाना खाते हैं उन्हें पाचन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। बाहर खाना आजकल फैशन और इंजॉयमेंट का तरीका बन गया है। जबकि यही तरीका आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। ऐसे में अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं तो डाइट में चिरौंजी जरूर शामिल कर लें। खीर का स्वाद बढ़ाने वाले चिरौंजी के छोटे से दाने पेट को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित होते हैं। चिरौंजी तासीर में ठंडी होती है जिसे गर्मी में खाने से कई फायदे मिलते हैं। चिरौंजी को डाइट में कई तरह से शामिल किया जा सकता है। जानिए चिरौंजी खाने का तरीका और इसके फायदे क्या हैं?

चिरौंजी खाने का तरीका

आयुर्वेद के अनुसार एक दिन में आपको 3-5 ग्राम से ज्यादा चिरौंजी के बीज नहीं खाने चाहिए। एक बार में ज्यादा चिरौंजी खाने की बजाय रोज सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। आप दूध में उबालकर या फिर दही में मिक्स करके, खीर में डालकर चिरौंजी खा सकते हैं। फलों के साथ भी चिरौंजी का सेवन किया जा सकता है।

चिरौंजी खाने के फायदे

पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करे- चिरौंजी के छोटे से दाने एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। इन्हें खाने से पाचन संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। चिरौंजी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो पाचनक्रिया को सुधारने में मदद करते हैं। इससे गैस और अपच की समस्या कम होती है। चिरोंजी में प्रोटीन और विटामिन्स पाए जाते हैं जो आमाशय के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।

कब्ज की समस्या में राहत- कब्ज की समस्या से परेशान रहने वालों को डाइट में चिरौंजी जरूर शामिल करनी चाहिए। इससे काफी फायदा होगा। चिरौंजी के बीज फुल फाइबर का सोर्स हैं। इससे आंतों को हेल्दी बनाने में मदद मिलती है और कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।

पाचन सुधारक- चिरौंजी के बीज को पेट में अपचन की समस्या होने पर सेवन कर सकते हैं। इससे पाचन में सुधार आता है और शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में मदद मिलती है। चिरौंजी के बीज डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जो पाचन सुधारक के रूप में काम करते हैं।

पेट को रखे ठंडा- चिरौंजी ऐसा मेवा है जिसकी तासीर ठंडी होती है। गर्मी के दिनों में इसे आसानी से खा सकते हैं। पेट के ठंडा रखने के लिए चिरौंजी जरूर खाएं। इससे गर्मी में होने वाली पेट से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है।

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सदाबहार के फूलों का रस डायबिटीज का है तगड़ा काट, जानिए कैसे करें इस्तेमाल और क्या होंगे फायदे

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सदाबहार ऐसा पौधा है जिसे आसानी से गमले में उगाया जा सकता है। सदाबहार का मतलब है कि ये पौधा 12 महीने हरा-भरा रहता है और फूल आते हैं। सदाबहार का छोटा सा पौधा आपकी बालकनी और घर की शोभा को कई गुना बढ़ा देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। बाबा रामदेव की मानें तो सदाबहार के पौधे का रस पीने से डायबिटीज जैसी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए शुगर को खत्म करने के लिए कैसे करें सदाबहार का इस्तेमाल?

सदाबहार के फूल और पत्ते दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। डायबिटीज के मरीज इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। आप सदाबहार के 3-4 पत्ते या 5-6 फूलों को ऐसे ही चबाकर भी खा सकते हैं। इससे शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

डायबिटीज में ऐसे करें सदाबहार का इस्तेमाल

डायबिटीज के मरीज 1 छोटा खीरा, 1 छोटा करेला, 1 छोटा टमाटर मिक्सी में पीस लें। आप इसके साथ सदाबहार के 6-7 फूल और 3-4 नीम के पत्ते भी डाल लें। सदाबहार के फूल न मिलें तो आप पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सारी चीजों को मिलाकर पीस लें और फिर इसका जूस निकालकर छान लें। इस जूस का सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

सदाबहार के फूल और पत्तों का पाउडर 

आप चाहें तो सदाबहार के पत्तों को या फिर फूलों को सुखाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इन पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसे जूस में मिलाकर या ऐसे ही पानी के साथ 1 चम्मच चूर्ण खा लें। इससे डायबिटीज के मरीज को काफी फायदा मिलेगा।

सदाबहार के फायदे

सदाबहार के पत्ते और फूल वात दोष को कम करते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं। सदाबहार के पत्तों में एल्कलॉइड गुण होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। गले की खराश दूर करने और ततैया के काटने में भी सदाबहार के फूलों का रस फायदेमंद साबित होता है।

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सुबह अजवाइन की चाय पीने से दूर रहेंगी ये बीमारी

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सुबह ज्यादातर लोग दूध वाली चाय के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। जो सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। सुबह दूध वाली चाय की जगह आप अजवाइन की चाय पीएं। इससे तेजी से वजन होगा और शरीर को कई दूसरे फायदे भी मिलेंगे। अजवाइन की चाय पीने से पेट और पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी। अजवाइन में भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके साथ ही फाइबर, पोटेशियम और विटामिन भी मिलते हैं। आइये जानते हैं अजवाइन की चाय क्या फायदा करती है?

सुबह अजवाइन की चाय पीने के फायदे

  1. वजन घटाए- अजवाइन की चाय मोटे लोगों को जरूर पीनी चाहिए। सुबह अजवाइन की चाय पीने से लटकती हुई तोंद अंदर होने लगेगी। मोटापा से जूझ रहे लोगों को दूध की चाय नहीं बल्कि अजवाइन की चाय पीनी चाहिए। इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन कम होता है। महीने भर में ही इस चाय से वजन में फर्क नजर आने लगेगा।
  2. गैस में राहत- जिन लोगों को गैस और एसिडिटी की समस्या रहती है उन्हें सुबह अजवाइन वाली चाय पीनी चाहिए। अजवाइन की चाय पीने से गैस की समस्या में आराम मिलता है। अजवाइन में पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। कब्ज की समस्या में भी आराम मिलता है।
  3. पीरियड्स के दर्द में राहत- अगर आपको पेट में दर्द है फिर वो चाहे ठंड के कारण हो या फिर पीरियड्स के कारण, अजवाइन की चाय फायदेमंद साबित होती है। पीरियड्स के दौरान दिन में 1-2 कप अजवाइन वाली चाय जरूर पीनी चाहिए। इससे दर्द में आराम मिलेगा।
  4. अस्थमा में फायदेमंद- अजवाइन की चाय पीने से अस्थमा के मरीज को फायदा होता है। अजवाइन की तासीर गर्म होती है जो अस्थमा के मरीज के लिए दवा का काम करती है। अस्थमा में दूध और दूध की चाय से सुबह बचना चाहिए। अजवाइन की चाय इन लोगों को फायदा करती है।
  5. तनाव घटाए- जिन लोगों को लगातार तनाव बना रहता है उन्हें सुबह 1 कप अजवाइन की चाय जरूर पीनी चाहिए। अजवाइन की चाय पीने से तनाव दूर होता है। इस चाय को पीने से थकान दूर होती है और शरीर को एनर्जी मिलती है।

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निमोनिया और वजन कम करने में रामबाण है ये फल..

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इंद्रायण का फल ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके इस्तेमाल से शरीर पर चौंकाने वाले फायदे होते हैं. यह वजन को कम करने, शुगर जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने, निमोनिया जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने और पीरियड्स की अनियमित को दूर करने में मदद करता है. यह मूत्र संबंधी सभी समस्याओं को ठीक करने में काफी असरदार साबित होता है. बागपत में आयुर्वेदिक चिकित्सा डॉक्टर सरफराज अहमद ने बताया कि इंद्रायण का फल एक ऐसी चमत्कारी औषधि है, जो आसानी से किसी भी मार्केट में उपलब्ध होती है. यह शरीर को स्वस्थ बनाने में भूमिका निभाती है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में होने वाली डायबिटीज और बढ़ने वाले वजन को कम करने में काफी मददगार साबित होती आई है. डायबिटीज को ठीक करने के साथ वजन को भी कम करने में अहम भूमिका निभाती है. वहीं बच्चों में अत्याधिक मात्रा में होने वाले निमोनिया को भी आसानी से ठीक कर देती है.

इंद्रायण का इस्तेमाल कैसे करें
महिलाओं में पीरियड्स के दौरान अनियमितता दूर करने में यह औषधि बहुत लाभदायक होती है. यह तेजी से महिलाओं को फायदा पहुंचाती है. वहीं इसका उपयोग पुरुषों में होने वाले मूत्र संबंधित रोगों को ठीक करने में किया जाता है. इसका इस्तेमाल भी आसानी से किया जाता है. इसका इस्तेमाल दूध और पानी के साथ किया जा सकता है. इसके उपयोग से शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता. फिर भी इसका उपयोग चिकित्सक की देखरेख और सही मात्रा में करना चाहिए.

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