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*केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ,राज्यपाल सुश्री उईके और मुख्यमंत्री बघेल की मौजूदगी में 74 विद्यार्थियों को दिये गोल्ड मेडल, पीएचडी डिग्री से भी 75 विद्यार्थियों को नवाजा*

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रायपुर/ गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर बिलासपुर में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की और 74 उत्कृष्ट विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। सुबह 11 बजे शुरू हुये इस दीक्षांत समारोह में 9 संकायों के श्रेष्ठ विद्यार्थियों को गोल्ड प्रदान किये गये। इससे पहले दीक्षांत समारोह शोभायात्रा निकाली गई और विद्यार्थियों के साथ राष्ट्रपति श्री कोविंद ने समूह फोटो भी खिंचाई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अशोक मोडक, कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता और कुलसचिव प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार भी मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह में 74 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया। जिनमें 44 छात्राएं एवं 30 छात्र शामिल रहे। इसी प्रकार 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। जिनमें 49 छात्र और 29 छात्राएं शामिल रही। दीक्षांत समारोह को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने लगभग 13 मिनट तक संबोधित किया और संबोधन से उपस्थित विद्यार्थियों तथा शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया।

सोमवार शुभ दिन दीक्षांत समारोह होना सुखद संयोग- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिलासपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध समाज सुधारक और सतनाम पंथ के संस्थापक गुरू घासीदास जी के नाम पर स्थापित है। गुरूजी के अनुयायियों की मान्यता के आधार पर सोमवार शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सन् 1756 में सोमवार के दिन ही गुरू घासीदास जी का अवतरण हुआ था और आज केन्द्रीय विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह का दिन भी सोमवार है। राष्ट्रपति ने इस शुभ दिन पर अपनी पढ़ाई पूरी कर दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गुरू घासीदास जी ने हमेशा समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिये सदमार्ग सुझाया। गुरू घासीदास जी ने मनखे-मनखे एक समान के आदर्श पर चलकर समाज में मेलजोल, समरसता से रहने और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि गुरू घासीदास जी कहते थे कि सत्य की सेवा ही मनुष्य की करूणा, चैतन्य, प्रेम, संयम तथा चरित्र का प्रतीक होता है। इसीलिये लोगों को सद्चरित्र निर्माण के लिये सतनाम का अनुसरण करना ही चाहिये और सभी धर्मों की अच्छी बातों-आदर्शों का अनुसरण करना चाहिये। राष्ट्रपति भवन में लगी है गुरू घासीदास की फोटो
अपने उद्बोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रवासों को भी याद किया और उनकी स्मृतियां उपस्थित विद्यार्थियों और जनसमुदाय से साझा की। राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ की इस पावन धरा पर पहले भी आया हूं। राष्ट्रपति ने बताया कि वे 6 नवंबर 2017 को गुरू घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी धाम भी गये हैं और उन्होंने पवित्र जैतखाम के दर्शन भी किये हैं। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि गुरूजी की एक फोटो पिछले प्रवास के दौरान उन्हें भेंट की गयी थी। जिसे राष्ट्रपति भवन में सम्मान के साथ उचित स्थान पर लगाया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि गुरू घासीदास की यह फोटो उन्हें समरसता के साथ राष्ट्र हित में काम करने की प्रेरणा देती है। राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ की विभूतियों को भी किया याद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ को विकास पथ पर अग्रसर करने की सोच लेकर उसका निर्माण और जनकल्याण की भावना से काम करने वाले महान विभूतियों और स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ को जगन्नाथ प्रसाद भानु, माधवराव सप्रे, मुकुटधर पाण्डेय, वीर नारायण सिंह, पदुम लाल पुन्नालाल बक्शी, लोचन प्रसाद पाण्डेय, इंजीनियर श्री राघवेन्द्र राव, रविशंकर शुक्ल, बैरिस्टर छेदीलाल और श्रीमती तीजन बाई की कर्मभूमि बताते हुए उन्हें याद किया। दीक्षांत समारोह का समय परिवर्तन कर की परीक्षा देने वाले स्कूल बच्चों की सहायता
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि दीक्षांत समारोह का समय बदलकर विश्वविद्यालय के सभी बड़े भाई, बहनों ने अपने छोटे भाई, बहनों की बड़ी मदद की है। उन्होंने कहा कि 10वीं तथा 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले बच्चों को इससे बड़ी सहूलियत मिली है और वे विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को इसके लिये धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

*74 स्वर्ण पदकों में से 44 छात्राओं को, दो पदक पाने वाली क्वीनी बनी क्वीन*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह में 74 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। उन्होंने 74 गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थियों में 44 छात्राओं के शामिल होने पर खुशी जाहिर की। उपस्थित विद्यार्थियों की हौसला अफजाई करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एक छात्रा ने दो पदक प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया है कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ-साथ पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के पालक भी गौरवान्वित होते हैं। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के 9 टॉपर विद्यार्थियों को 10 गोल्ड मेडल प्रदान किये। राष्ट्रपति ने बीएससी ऑनर्स गणित संकाय की टॉपर कुमारी क्वीनी यादव के गुरू घासीदास स्वर्ण पदक एवं विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक से सम्मानित किये जाने पर भी छात्रा को बधाई दी और कहा कि इस छात्रा का नाम उसके माता-पिता ने कुमारी क्वीनी रखा है, परंतु उसने अपने श्रेष्ठ क्षमता प्रदर्शन से दो गोल्ड मेडल जीतकर अपने नाम को चरितार्थ करते हुए क्वीन का दर्जा पा लिया है। राष्ट्रपति के कुमारी क्वीनी को क्वीन संबोधन पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसका उत्साहवर्धन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के परिणामों और मेडल प्राप्त करने में बेटियों की संख्या को देखते हुए यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि बेटियां भी अवसर मिलने पर अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने इसे नये भारत की नयी तस्वीर बताया और कहा कि इस नयी तस्वीर को हम आज गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में जीवंत होता देख रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों की इस सफलता का श्रेय उनकी मेहनत के साथ-साथ शिक्षकों और पालकों को भी दिया। उन्होेंने विद्यार्थियों की इस सफलता में योगदान के लिये शिक्षकों और पालकों की भी सराहना की।
शिक्षा का उद्देश्य अच्छा इंसान बनना, केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान बनना होना चाहिये। उन्होंने कहा कि एक अच्छा इंसान अपने व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यवसायिक सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ होगा। अच्छा इंसान यदि डॉक्टर बनेगा तो अच्छा डॉक्टर बनेगा, यदि इंजीनियर बनेगा तो अच्छा इंजीनियर बनेगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अच्छा इंसान सामाजिक जीवन में भी अपना श्रेष्ठ देता है। वह अच्छा बेटा, अच्छा भाई, अच्छा पति, अच्छा पिता बनता है तो वही बेटियां अच्छी बेटी, अच्छी बहन और अच्छी पत्नी, अच्छी मां बनकर देश और समाज के विकास में सहभागी होती है। उन्होंने कहा कि विद्या में नैतिक मूल्यों का समावेश बहुत जरूरी है क्योंकि नैतिक मूल्यों के बिना प्राप्त विद्या समाज के लिये कल्याणकारी नहीं हो सकती।
राष्ट्रपति ने शिक्षकों से आव्हान किया कि वे विद्यार्थियों को ईमानदारी, अनुशासन, सहिष्णुता तथा कानून के प्रति सम्मान और समय पालन जैसे जीवन मूल्यों को समझायें। ताकि वे एक लोकतांत्रिक देश के सच्चे नागरिक बन सके और कानून के शासन का मजबूत बना सके। उन्होंने कहा कि आज भारत की पहचान एक आधुनिक और उद्यमी देश के रूप में हो रही है और इसके लिये सभी देशवासी और परिश्रमी युवा बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि परिश्रमी युवाओं के कारण ही हम आज विश्व मेें सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम विकसित कर पाये हैं और आधुनिक प्रौद्योगिकी से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान तक के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल करने में सफल हुए हैं।

*राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के शिक्षा एवं शोध नवाचारों की तारीफ की*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा एवं शोध के लिये किये जा रहे नवाचारों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बाहुल्य राज्य में केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विलुप्त हो रही भाषाओं को संरक्षण देने और उनका संवर्धन करने के लिये इन डेंजर्ड लेंग्वेज सेंटर स्थापना की है। उन्होंने कहा कि इन भाषाओं का संरक्षण समाज के लिये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन भाषाओं को बचाने से हमारी परंपरा और संस्कृति की भी रक्षा होती है। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों की मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन कर उन्हें श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये प्रेरित करने पूर्व सफल विद्यार्थियों को भी साल में कम से कम एक बार विश्वविद्यालय अवश्य आना चाहिये।

*दंतेवाड़ा के हीरानार स्व-सहायता समूह और आस्था विद्यालय प्रवास को भी किया याद, राष्ट्रपति बोले-शिक्षा की रोशनी से ही खत्म होगा नक्सलवाद का दुष्प्रभाव*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुये अपने पूर्व प्रवास का उल्लेख भी आज दीक्षांत समारोह के उद्बोधन में किया। उन्होंने दंतेवाड़ा के हीरानार में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा एक ही परिसर में एकीकृत खेती, पशुपालन, मुर्गीपालन, जैविक खेती और राईस मिल चलाने जैसे प्रयोग को एक मिसाल बताया। राष्ट्रपति ने नक्सल हिंसा से प्रभावित बच्चों की शिक्षा के लिये दंतेवाड़ा में स्थापित आस्था गुरूकुल के प्रवास की स्मृतियों को भी इस समारोह में उपस्थित लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में जाने पर नक्सल हिंसा प्रभावित बच्चों के अनुभवों से रूबरू होने और उनकी संकल्प शक्ति से परिचित होने का मौका मिला। राष्ट्रपति ने कहा कि नक्सलवाद की विचारधारा से भ्रमित हुये कुछ लोगों द्वारा की जाने वाली हिंसा से पीड़ित परिवारों को शिक्षा की रोशनी के सहारे ही आगे बढ़ने का अवसर मिला है और शिक्षा से ही नक्सलवाद के दुष्प्रभावों को छत्तीसगढ़ और देश के अन्य भागों से खत्म किया जा सकेगा। उन्होंने नक्सलवाद के खात्मे के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी सराहनीय बताया।
*अगले दस वर्षों में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में हो शामिल*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के इस केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अब तक शिक्षा और शोध के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों और नवाचारों की सराहना की और कहा कि विश्वविद्यालय को आगे बढ़ने के लिये कुछ लक्ष्य निर्धारित करने चाहिये। विस्तृत कार्ययोजना बनाकर उन लक्ष्यों को पाने का प्रयास करना चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि इस गुरू घासीदास विश्वविद्यालय को आने वाले 10 वर्षों में देश के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में शामिल होने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि लक्ष्य ऊँचा हो, संकल्प मजबूत हो तो लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अपने आप ही प्रयास तेज हो जाते हैं और ऐसे कामों में निश्चित सफलता मिलती है।

*संसाधनों से अधिक युवाओं की प्रतिभा पर विश्वास जताने की जरूरत: मुख्यमंत्री बघेल*
दीक्षांत समारोह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने इस समारोह में स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। श्री बघेल ने कहा कि युवाओं की जितनी जरूरत नये संसाधनों की है, उससे अधिक जरूरत उनकी प्रतिभा पर विश्वास जताने की है। मुख्यमंत्री ने कहा अच्छी पढ़ाई का अपना अलग महत्व है। लेकिन गुण, कौशल, विशेषतायें भी युवाओं के लिये कई रास्ते खोलती हैं, जिससे उन्हें अपने आप को सिद्ध करने का अवसर मिलता है। श्री बघेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और शोध सुविधाओं को आज की मांग के अनुसार मानव संसाधन तैयार करने वाली होना चाहिये। उन्होंने स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग वेल्यू एडिशन और क्षेत्रीय विसंगतियों को दूर करने के लिये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारिक बदलावों की जरूरत पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की अस्मिता, संस्कृति, विरासत और लोक रंगों से युवाओं को जोड़ने और उन्हें आगे बढ़ाने की भी जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी की परिकल्पना पर उच्च शिक्षा के साथ-साथ हर एक विद्यार्थी को अपने गांव के विकास, पशुधन संरक्षण और कृषक जीवन के विषय को अध्ययन, अध्यापन से जोड़ने की जरूरत है, ताकि उच्च शिक्षा जीवन के सभी पहलुओं से जुड़ सके और हमारे विद्यार्थी छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों में लगभग 1500 शैक्षणिक और खेल अधिकारी के पदों पर भर्ती की जा रही है। खेल प्रतिभाओं को संवारने के लिये छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण बनाया गया है। हर ग्राम पंचायत में राजीव गांधी युवा मितान क्लब बनाये जा रहे हैं। खेल एवं विभिन्न विधाओं की प्रतिभाओं को गांव से लेकर राज्य तक चिन्हांकित करने के लिये पिछले दिनों युवा महोत्सव का आयोजन किया गया था और अब यह आयोजन हर साल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास की स्मृतियों को सहेजने के लिये उनके प्रवास स्थल को स्मारक के रूप में विकसित किया जा रहा है। समारोह को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर अशोक मोडक ने भी संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह का दिन छात्र जीवन का महत्वपूर्ण दिन होता है। आज के दिन विद्यार्थियों का एक सोपान पूरा और दूसरा सोपान शुरू होता है। श्री मोडक ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने इस दूसरे सोपान में अब कई चुनौतियों का सामना करना होगा और सभी विद्यार्थियों ने इसके लिये विश्वविद्यालय से अच्छी तैयारी कर ली होगी।
इन्हें मिल गोल्ड मेडल
कुमारी क्वीनी यादव बीएससी ऑनर्स गणित 94.49 प्रतिशत अंक, अर्पिता नायक एमएससी जुलाजी 92.3 प्रतिशत अंक, कुमारी चंद्रिका बीएससी ऑनर्स भौतिक शास्त्र 92 प्रतिशत अंक, दबारून दास भौमिक बीटेक मैकेनिकल 90.1 प्रतिशत अंक, किशोर कुमार कोठारी एमए अर्थशास्त्र 90.1 प्रतिशत अंक, कुमारी पूजा पटेल बीकॉम ऑनर्स 90 प्रतिशत अंक, विनोद कुमार खुंटे एमलिब 89.8 प्रतिशत अंक, कुमारी आयुषी सिंह डीफार्मा 88.1 प्रतिशत अंक, कुमारी माधुरी मरकाम बीकॉम एलएलबी 83 प्रतिशत अंक। कुमारी क्वीनी यादव को विश्वविद्यालय में सभी संकायों में से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिये गुरू घासीदास पदक से भी नवाजा गया।

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चक्रधर समारोह-2024 : अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी दिखाएंगे अपना जौहर

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रायपुर, 07 सितम्बर 2024 : रायगढ़ के रामलीला मैदान में 07 सितम्बर से चक्रधर समारोह के अंतर्गत कला संस्कृति पर आधरित कार्यक्रमों के आयोजन साथ-साथ खेल से खेल की प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। चक्रधर समारोह में कुश्ती के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अपना जौहर दिखाएंगे, जब कि कबड्डी प्रतियोगिता में स्थानीय खिलाड़ियों को अपना खेल दिखाने का मौका मिलेगा। 11 एवं 12 सितम्बर को अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जब कि कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन 13, 14 एवं 15 सितम्बर को होगा।

अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये छत्रसाल अखाड़ा नई दिल्ली, रायपुरा कुश्ती एकेडमी (नेवी) हरियाणा, सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी हिसार हरियाणा, चौधरी चरण सिंह अखाड़ा मेरठ, कर्नाटका व्यायाम शाला कर्नाटक, मेहर सिंह अखाड़ा रोहतक, मास्टर चांदगीराम अखाड़ा दिल्ली, महाराष्ट्र कुश्ती संघ पुणे एवं गोवा कुश्ती एकेडमी गोवा के महिला एवं पुरूष पहलवानों को आमंत्रण भेजा गया है। सभी एकेडमी एवं अखाड़ा के संचालकों ने अपने श्रेष्ठ महिला एवं पुरूष पहलवानों को भेजने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रतियोगिता के संचालन के लिये अंतर्राष्ट्रीय रेफरी श्री अजीत मानदीपक चाहर, श्री जशबीर सिंह ढ़ाका एवं महिला रेफरी सुश्री प्रतिभा दुबे भी उपस्थित रहेंगी।

अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में विभिन्न प्रदेशों के पहलवान अपना दॉव-पेच दिखायेंगे इनमें 57 से 75 किलोग्राम वर्ग में उत्तर प्रदेश मेरठ से सर्वश्री विशाल तोमर, विनय तोमर, यशकुमार, अर्जुन प्रधान, सतेन्द्र तोमर, निशांत कुमार, भानू, निहाल गुप्ता, वंश, हिमांशू, लक्की, आलोक कुमार शामिल होंगे। इसी तरह 56 से 110 किलोग्राम वर्ग में दिल्ली से सर्वश्री अनिरूद्ध कुमार, आशीष, विशाल, अतुल, निखिल, सागर, अमित, सुमित, विकास, आशीष, 57 से 110 किलोग्राम वर्ग में उत्तर प्रदेश से सर्वश्री लक्ष्मण यादव, सचिन मिरी, शेर बहादुर, 50 से 110 किलोग्राम वर्ग में छत्तीसगढ़ दुर्ग से सर्वश्री लक्की यादव, सत्येन्द्र निषाद, सुनील निषाद, शेख फरदीन, संतोषी चंद्राकर, 55 से 110 किलोग्राम वर्ग में भिलाई छत्तीसगढ़ से सर्वश्री विशाल पांडे, पवन कुमार, शुभांकर यादव, सतपाल यादव, सत्येन्द्र कुमार यादव, सचिन पासवान, विजेन्द्र पाल, मृत्युंजय यादव, अंकित यादव, सत्यम कुमार सिंह, हिमांशू यादव एवं अश्वनी कुमार पांडे, 50 से 80 किलोग्राम वर्ग में धमतरी छत्तीसगढ़ से कुनाल यादव, मनीष यदु, गिरजा शंकर, अरियन्त भोय, हर्ष चंद्रवंशी, संदीप यदु, यनेश साहू, वेद कुमारी नेताम, लक्ष्मी साहू, लोकेश्वर निषाद एवं कु.मोनिका भोय शामिल है। इसी तरह 55 से 76 किलोग्राम वर्ग में महिला पहलवानों में शीतल, अंजली, डोली, रेनु, सुची, खुशबू, वाशु, अंजली एवं वर्षा शामिल है।

महिला एवं पुरूष पहलवानों के चार वजन वर्ग में प्रतियोगिता होगी, जिसमें विजेता पहलवानों को नगद पुरस्कार भी प्रदान की जाएगी। इस आयोजन को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ कुश्ती संघ का सहयोग मिल रहा है।

कबड्डी प्रतियोगिता में महिला-पुरूष खिलाड़ी दिखाएंगे अपना जौहर-

चक्रधर समारोह-2024 के अवसर पर महिला रामलीला मैदान में 13 से 15 सितम्बर तक कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। जिसमें पुरूष एवं महिला दोनों वर्ग के खिलाड़ी शामिल होंगे। पुरूष वर्ग में कुल 13 टीम शामिल है। इनमें विकासखण्ड रायगढ़, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, धरमजयगढ़, पुलिस विभाग, होमगार्ड, नगर पालिक निगम, बरमकेला, सारंगढ़ एवं पूर्वाचल कबड्डी दल शामिल है। इसी तरह महिला वर्ग में कुल 14 टीम शामिल होंगी। इनमें विकासखण्ड रायगढ़, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, धरमजयगढ़, पुलिस विभाग, होमगार्ड, नगर पालिक निगम, बरमकेला, सारंगढ़, अडानी पावर कं. लि. एवं जिंदल पावर तमनार कं. लि. शामिल है।

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रायगढ़ में आज से शुरू हुए चक्रधर समारोह में प्रख्यात अभिनेत्री, नृत्यांगना एवं सांसद श्रीमती हेमा मालिनी एवं उनकी टीम द्वारा भरतनाट्यम पर रासबिहारी नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी

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रायपुर, 07 सितम्बर 2024 :रायगढ़ में आज से शुरू हुए चक्रधर समारोह में प्रख्यात अभिनेत्री, नृत्यांगना एवं सांसद श्रीमती हेमा मालिनी एवं उनकी टीम द्वारा भरतनाट्यम पर रासबिहारी नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी। नृत्य नाटिका रासबिहारी की मनमोहक प्रस्तुति से कलाप्रेमी और दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। इस प्रस्तुति के बीच में कई प्रसंगों के मध्य दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। श्रीमती हेमा मालिनी और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत रासबिहारी नृत्य नाटिका भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला, आराधना, संयोग-वियोग के प्रसंग दर्शकों को अभिभूत कर गए।

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संगीत सम्राट महाराज चक्रधर सिंह ने शास्त्रीय कला संगीत को दी विश्व में नई पहचान : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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रायपुर, 07 सितम्बर 2024 :संगीत एवं कलाधानी नगरी रायगढ़ में आज 39वें चक्रधर समारोह का भव्य एवं रंगारंग आगाज हुआ। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 10 दिन तक चलने वाले इस समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संगीत सम्राट महाराज चक्रधर ने शास्त्रीय कला संगीत को विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गारंटी को सायं-सायं पूरा कर रही है। उन्होंने प्रदेश के किसानों, गरीबों सहित सभी वर्गों का आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के प्रगति के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने स्थानीय कला संस्कृति के साथ-साथ पारंपरिक विरासत को सहेजने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने इस मौके पर रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय प्रांरभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले संगीत के मर्मज्ञ विद्वतजनों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर रायगढ़ के शैल चित्रों पर आधारित अभिलेखीकरण पुस्तिका एवं चक्रधर समारोह की परिचय पुस्तिका का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विगत पांच सालों में चक्रधर समारोह का आयोजन फीका पड़ गया था, अब रायगढ़ के विधायक और हमारे सरकार में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी की पहल से चक्रधर समारोह के आयोजन को और बेहतर तथा भव्य स्वरूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने भरपूर खनिज संपदा से नवाजा है। यहां हीरा, कोयला, लोहा का भरपूर भंडार है, यहां की धरती में भरपूर उर्वरा शक्ति है। मेहनतकश किसान और हम सब मिलकर छत्तीगसढ़ को कृषि प्रदेश बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किए गए वायदे के अनुरूप प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल 3100 रूपए के भाव से खरीदने का वायदा पूरा किया। तेन्दूपत्ता का पारिश्रमिक दर प्रति मानक बोरा 4000 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को उनके खाते में राशि अंतरित करने का काम कर रही है। श्रीरामलला दर्शन योजना से यहां के लोगों को प्रभु श्रीराम का दर्शन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अभी दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ को साढ़े आठ लाख से अधिक परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, हम इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने चक्रधर समारोह को नये स्वरूप में भव्य और आकर्षक रूप में आयोजित करने के लिए संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री विनय पाण्डेय द्वारा ब्राम्हीलिपि एवं खरोष्ठी लिपि में अनुसंधान पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। श्री पाण्डेय द्वारा इस मौके पर मुख्यमंत्री को ब्राम्ही लिपि में लिखी नाम पट्टिका भेंट की गई।

कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार ने कहा कि महाराज चक्रधर ने रायगढ़ घराना के कला संगीत को संजोकर रखा है। उन्होंने कला संगीत को देश और दुनिया में एक नई ऊचाई देने का काम किया है। उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि सम्राट चक्रधर शास्त्रीय कला संगीत के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर कला संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश की कला संस्कृति, यहां की विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए तत्परता से काम कर रही है।

वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने चक्रधर समारोह के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा चक्रधर समारोह को एक भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा और आज उसे जिला प्रशासन, संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग के सहयोग से आज भव्य स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश के प्रतिष्ठित आठ पद्मश्री कलाकार भाग लेने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चक्रधर समारोह की महत्ता अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के विभिन्न प्रांतों के नामी-गिनामी कलाकार यहां अपनी प्रस्तुति देने की अभिलाषा रखते हैं। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन सहित आयोजकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर राज्यसभा सांसद श्री कुंवर देवेन्द्र प्रताप सिंह, रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राजपरिवार के श्रीमती उर्वशी सिंह, श्रीमती बिजया सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

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