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MSP तो नहीं लेकिन सोयाबीन किसानों की जेब भरेगी सरकार, कृषि मंत्री शिवराज ने निकाला गजब का तोड़

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सरकार ने विभिन्न तेलों के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 32.5 फीसदी तक कर दिया है. इसमें रिफाइंड और कच्चे खाद्य तेल शामिल हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इसकी सूचना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के माध्यम से दी गई है. सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन ऑयल, रिफाइंड सनफ्लॉवर ऑयल (सूरजमुखी का तेल) और रिफाइंड पाम (ताड़) ऑयल पर आयात शुल्क को 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दिया है.

इसके अलावा सोयाबीन के कच्चे तेल, सूरजमुखी के कच्चे तेल और ताड़ के कच्चे तेल पर आयात शुल्क को 0 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. कृषि मंत्री के अनुसार, इसमें कुछ और फैक्टर्स को जोड़ने यह शुल्क 27.5 फीसदी हो जाएगा. शिवराज सिंह चौहान ने इस जानकारी के साथ लिखा है, “इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसल की मांग बढ़ेगी. किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगा के अवसर भी बढ़ेंगे.

सोया को लेकर मचा था बवाल
इसी सप्ताह की शुरुआत में सोयाबीन की फसल को लेकर मध्य प्रदेश में काफी बवाल मचा हुआ था. सरकार ने इस फसल की एमएसपी को 4892 रुपये कर दिया था इसके बावजूद किसान खुश नहीं दिख रहे थे. उनकी मांग थी कि एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए. इस मांग को लेकर एमपी में प्रदर्शन भी हुए थे.

प्याज और बासमती चावल
तेल के अलावा प्याज के निर्यात शुल्क को भी 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. कृषि मंत्री का कहना है कि निर्यात शुल्क घट जाने से उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ प्याज से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी सीधा लाभ मिलेगा. सरकार ने बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात शुल्क को भी हटा दिया है. इससे बासमती चावल उगाने वाले किसानों को फसल के ऊंचे दाम मिलने की उम्मीद है.