ट्राई ने टेलीकॉम सर्विस देने वाली सभी कंपनियों से साफतौर पर कहा कि उन्हें ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सटीक और प्रभावी डीएनडी (डू नॉट डिस्टर्ब) सर्विस शुरू करनी होगी। इसके तहत यूजर को अपनी पसंद के अनुसार केवल जरूरी मैसज प्राप्त करने की सहुलियत मिलेगी।
जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
Spam मैसेज पर कंट्रोल करने के लिए अथॉरिटी की जांच प्रक्रिया आने वाले हफ्तों में शुरू कर दी जाएगी। ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी के अनुसार डिजिटल वितरण लेजर तकनीक (डीएलटी) मंच शुरू किया गया है। जहां सभी प्रमुख संस्थाओं (PE) जैसे बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, कारोबारी संगठनों और सरकारी एजेंसियो के साथ-साथ टेलीमार्केटिंग कंपनियों को जोड़ा जाएगा।
ट्रैकिंग हो जाएगी आसान
बताया कि, डीएलटी मंच ब्लॉकचेन तकनीक पर बेस्ड है, जहां सभी कंपनियों को एसएमएस भेजने वाले प्रोसेस के बारे में बताना होगा। इसे ट्राई के लिए मैसेज को ट्रैक करना आसान हो जाएगा। इससे मैसेज की विश्वसनीयत भी परखी जा सकेगी। जो मैसेज यूजर के लिए अवेलबल नहीं होंगे। उन्हें यूजर के पास पहुंचने से पहले ही ब्लॉक कर दिया जाएगा।
कॉलिंग पैक लागू होगा।
इसके अलावा ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से यह भी कहा कि उन्हें वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए अलग विशेष टैरिफ वाउचर प्लान पेश करने होंगे। इससे जो लोग डेटा इस्तेमाल नहीं करते हैं उन्हें कम पैसा खर्च करना पड़ेगा। लाहोटी ने कहा कि यूजर्स को डेटा का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, लेकिन कंपनियां उन्हें मजबूर नहीं कर सकती हैं। यूजर के पास अधिकार है कि वह डेटा वाला प्लान लेना चाहता है या नहीं।
अनचाहे एसएमएस बंद होंगे
लाहोटी के अनुसार, अगर ग्राहक को किसी विशेष सर्विस ऑपरेटर या विक्रेता से मैसेज या कॉल प्राप्त होता है और वह शिकायत करता है कि यह स्पैम है। तो अगली बार से ऐसा मैसेज नहीं भेजा जाएगा।