Mumbai:- बॉलीवुड के जाने-माने फिल्ममेकर और निर्देशक राम गोपाल वर्मा इन दिनों अपनी फिल्म सत्या की री-रिलीज को लेकर सुर्खियों में हैं. हालांकि, अब उनके लिए एक सात साल पुराना मामला मुसीबत बन गया है. राम गोपाल वर्मा को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. फिल्ममेकर को 2018 के एक फिल्म के चेक बाउंस मामले में ये सजा सुनाई गई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
अपने विवादों से भरे बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले राम रोपाल वर्मा पर साल 2018 में ‘श्री’ नाम की कंपनी ने केस दर्ज करवाया था. 21 जनवरी को फिल्ममेकर को अदालत में सुनवाई के लिए बुलाया गया था लेकिन वो सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट ने मुआवजे के तौर पर 3.72 लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया है. अदालत ने उन पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत आरोप लगाया है. कोर्ट का ये फैसला उनकी नई फिल्म ‘सिंडिकेट’ की घोषणा से एक दिन पहले आया है.
राम गोपाल वर्मा को देना होगा मुआवजा
इस मामले की सुनवाई पिछले सात साल से हो रही थी. अंधेरी मेजिस्ट्रेट कोर्ट ने राम गोपाल वर्मा के खिलाफ गैर जमानती वॉरेंट जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि “फैसले के दिन आरोपी की अनुपस्थिति में उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाना चाहिए और उसे संबंधित पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार किया जाना चाहिए”. इसके अलावा उन्हें शिकायतकर्ता को तीन महीने के अंदर तीन लाख 72 हजार रुपये भी मुआवजे के तौर पर देने होंगे.
आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं निर्देशक
अगर राम गोपाल वर्मा ये मुआवजा तीन महीने में नहीं दे पाते तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. श्री के मालिक महेशचंद्र मिश्र चेक बाउंस होने के मामले में ये केस दर्ज करवाया था. ये मामला राम गोपाल वर्मा की फर्म से जुड़ा है. इस कंपनी के तहत उन्होंने ‘सत्या’, ‘रंगीला’, ‘कंपनी’, ‘सरकार’ जैसी फिल्में बनाईं थीं. राम गोपाल वर्मा ने पिछले काफी वक्त से कोई भी फिल्म नहीं बनाई है. खबरों के मुताबिक, उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है.