
बिलासपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सिम्स हॉस्पिटल्स में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहांपर एक प्रेग्नेंट महिला जो हॉस्पिटल में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी, उसे स्टाफ ने एबॉर्शन का इंजेक्शन लगा दिया.जिसके बाद हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया.
स्टाफ की इस लापरवाही के कारण महिला का पांच महीने का गर्भ नष्ट हो गया.
इस घटना के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया और लापरवाही करनेवाले स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की. इस घटना के बाद एक बार डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही सामने आई है. जिसमें देखा जा सकता है की मरीज के साथ ये स्टाफ किस तरीके से लापरवाही करता है.
गर्भवती महिला को लगाया एबॉर्शन का इंजेक्शन
जानकारी के मुताबिक़ कोटा क्षेत्र के करगीकला गांव के रहनेवाली महिला गिरिजा साहू, जो पांच महीने की प्रेग्नेंट थी. बताया जा रहा है महिला पेट दर्द की शिकायत के बाद हॉस्पिटल पहुंची थी. अपने पति के साथ महिला सिम्स हॉस्पिटल में दिखाने के लिए पहुंची थी. इस दौरान डॉक्टरों ने महिला को हॉस्पिटल में एडमिट करवा लिया और स्टाफ ने नाम की गलती के कारण इस महिला को एबॉर्शन का इंजेक्शन लगा दिया. ये बताया की जा रहा है की एक दूसरी महिला थी,जो आठ महीने की गर्भवती थी और उसके बच्चे की पेट में मौत हो चुकी थी. डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन देने के लिए कहा था और स्टाफ ने इस महिला को ही इंजेक्शन लगा दिया.
इंजेक्शन लगाते ही महिला की तबियत बिगड़ी
इस इंजेक्शन के लगते ही महिला की तबियत खराब होने लगी और उसे ब्लीडिंग होने लगी और उसके बाद उसका गर्भपात हो गया. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद डॉक्टरों ने स्टाफ को फटकार भी लगाई. इस घटना के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा करते हुए स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की है.
सिम्स की स्त्री रोग एचओड़ी ने किया लापरवाही से इनकार
इस पूरी घटना के बाद सिम्स की स्त्री रोग विभाग की एचओड़ी का बयान हैरान करनेवाला है. डॉ. संगीता जोगी का कहना है कि लापरवाही का आरोप गलत है. उन्होंने कहा कि महिला का इलाज उसकी रिपोर्ट के आधार पर किया गया है. अगर 24 घंटे में इलाज नहीं होता तो उसकी जान को खतरा हो सकता था. तो वही हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने इस पुरे मामले की जांच की बात कही है और इसके बाद कार्रवाई की जानकारी दी है.