
फिलिस्तीन ने दावा किया है कि गाजा पट्टी पर इजरायल के ताजा हवाई हमलों में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं। ये हमले मंगलवार तड़के शुरू हुए, जिसने जनवरी से लागू दो महीने की अस्थायी शांति को चकनाचूर दिया।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों में सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं, और मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला “बस शुरुआत” है और हमास को खत्म करने तक सैन्य अभियान जारी रहेगा।
संघर्ष विराम समझौते को तोड़ने का आरोप
फिलिस्तीनी अधिकारियों ने बताया कि इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा से लेकर दक्षिण तक कई इलाकों में हवाई हमले किए। हमास ने इन हमलों को “धोखेबाजी” करार देते हुए इजरायल पर संघर्ष विराम समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया। हमास के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये हमले गाजा में बंधकों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इजरायली सेना का दावा है कि ये हमले हमास के “आतंकी ठिकानों” को निशाना बनाकर किए गए हैं।
बढ़ती सैन्य ताकत के साथ हमास के खिलाफ कार्रवाई
नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला “केवल शुरुआत” है और इजरायल तब तक आगे बढ़ता रहेगा जब तक कि वह अपने सभी युद्ध उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर लेता जोकि हमास को नष्ट करना और आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को मुक्त कराना है। नेतन्याहू ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा, “हमास ने संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने के प्रस्तावों को ठुकरा दिया। अब से, हम बढ़ती सैन्य ताकत के साथ हमास के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने गाजा के नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की और हर नागरिक हताहत के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन हमलों पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इसे “अस्वीकार्य” बताते हुए तत्काल संघर्ष विराम की मांग की है। कई देशों ने इजरायल की इस कार्रवाई की निंदा की है, वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकता है।
सहायता आपूर्ति पर रोक लगा रखी
गाजा में पहले से ही मानवीय संकट गहरा रहा है। इजरायल ने पिछले दो हफ्तों से सहायता आपूर्ति पर रोक लगा रखी है, जिससे वहां की 23 लाख आबादी के लिए हालात और बदतर हो गए हैं। लोगों ने बताया कि हमलों के दौरान गाजावासी अपने घरों से भागते नजर आए, और कई जगहों पर आग और धुआं दिखाई दिया। यह ताजा हिंसा ऐसे समय में हुई है, जब इजरायल और हमास के बीच बंधकों की रिहाई और स्थायी संघर्ष विराम को लेकर बातचीत रुकी हुई थी। हमास का कहना है कि नेतन्याहू की सरकार इन हमलों के जरिए अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।