
पंचांग के अनुसार, इस बार शनि अमावस्या के दिन कर्म शनिदेव मीन राशि में गोचर कर रहें हैं साथ ही साल का पहला सूर्य ग्रहण भी इसी दिन लगने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के दृष्टी से यह दिन बहुत ही खास हैं. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है जोकि भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसके प्रभाव से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ही जरूरी होती है. शास्त्रों मे ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों की सख्त मनाही होती है. कहते हैं ग्रहण के दौरान की गई गलतियों के कारण व्यक्ति को तमाम कष्टों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ये जान लेना बहुत जरूरी है कि ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं.
ग्रहण में क्या न करें?
. ग्रहण के दौरान भूलकर भी मंदिर या भगवान की मूर्तियों को स्पर्श ना करें, इसलिए ही ग्रहण को दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
. ग्रहण में भोजन पकाने तथा खाने से बचें. कहते हैं इससे छोटे बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
. सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या को है, इस दिन बाल, नाखून काटना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा करने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
. ग्रहण के दौरान मांस और शराब के सात किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए.
. ग्रहण के दौरान महिलाएं ग्रहण के दौरान श्रृंगार न करें.
. हण के समय नुकीली व धारदार चीजों जैसे कैंची, चाकू और सुई आदि का प्रयोग भूल से भी न करें.
. ग्रहण में गर्भवती महिलाएं घर में ही रहें, साथ ही किसी किसी नकारात्मक जगहों पर जाने से बचें.
ग्रहण के दौरान क्या करें?
1. सूतक काल शुरू होने से पहले घर में रखी सभी खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते या कुशा डाल दें, तकि वह दुषित न हो.
2. ग्रहण को दौरान धर्मिक ग्रंथों का पाठ मंत्र पजा करें. मान्यता है कि ऐसा करने स ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम होता है.
3. ग्रहण के बाद मंदिर की साफ-सफाई और पूजा करने से बाद दान अवश्य करें.
4. ग्रहण समाप्त होने का बाद स्नान अवश्य करना चाहिए.