
रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा लखनपुर : सनातन से चली आ रही शक्ति उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हिन्दू नववर्ष के साथ 30 मार्च दिन रविवार को हुआ। देवी मंदिरों में सबेरे से माता भक्तों का तांता लगा रहा जहां श्रद्धालुओं ने देवी माता के दर्शन पूजन किये। दरअसल नवरात्रि देवी दुर्गा के एक एक स्वरूप को समर्पित है। शक्ति पीठों में कलश स्थापना के साथ माता रानी के अलग-अलग रूपों का नौ दिन तक पूजा अर्चना किये जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। देवी के नौ रूपो की पूजन किये जाने का उल्लेख धर्म ग्रंथों में मिलता है। नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री द्वितीय ब्रह्मचारिणी तृतीय चंद्रघंटा चतुर्थ कूष्मांडा पंचम स्कंदमाता षष्ठम कात्यायनी सप्तम कालरात्रि अष्टम महागौरी तथा नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री स्वरूप के पूजा अनुष्ठान किये जाने का विधान है। इसी मान्यता के अनुसार पहले दिन मंदिरों में माता पार्वती अर्थात शैलपुत्री स्वरूप की पूजा अर्चना की गई। साथ ही देवी मंदिरो में जलने वाले मनोकामना दीप कलश प्रज्वलित किये गये। चैत्र नवरात्र हिन्दू नववर्ष के शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यतानुसार वर्ष में चार नवरात्र आते हैं जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होते हैं। इसके अलावा क्वार मास में शारदीय नवरात्र तथा चैत्र मास में चैत्र नवरात्रि मनाया जाता है ऐ सभी चारों नवरात्रि नारी शक्ति का सम्मान करती है । बहरहाल नगर लखनपुर के मां महामाया मंदिर, भवानी मंदिर तथा ग्राम जेजगा स्थित रामपुरहीन माई शक्ति पीठ में देवी माता की पूजा अर्चना माता भक्तों द्वारा पूरे आस्था के साथ किया गया। देवी दरबार जयकारा से गुंजायमान रहे।
इसके अलावा जवारा बोकर जगराता करने वाले भक्तों ने भी अपने घरों में देवी माता के भजन पूजन शुरू कर दिए हैं। यह सिलसिला नौ दिनों तक जारी रहेगा। भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल नौवमी तिथि को हुआ था इसलिए चैत्र नवरात्र को रामनवमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। श्रद्धालुओं ने राममंदिर (ठाकुर बाडी) शिवमन्दिर हनुमान मंदिर दूसरे देवालयों में पहुंच माथा टेका। सरगुजा जिले के रामगढ़ पर्वत पर लगने वाले मेले का शुभारंभ भी नवरात्रि के साथ पहले दिन से हो गया है।जो पूर्णिमा तिथि तक जारी रहेगा।