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शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, सर्वार्थ सिद्धि योग में मां चंद्रघंटा की पूजा

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शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन आज 5 अक्टूबर शनिवार को है. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बना हुआ है. पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को नवरात्रि का तीसरा दिन होता है. इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान है. ये तीसरी नवदुर्गा भी कहलाती हैं. मां पार्वती का यह रौद्र रुप है, जिन्होंने असुरों के संहार के लिए धारण किया था. मां चंद्रघंटा अपनी 10 भुजाओं में कमल, माला, कमंडल, चक्र, गदा, धनुष, तलवार, त्रिशूल आदि धारण करती हैं. उनका वाहन सिंह हैं और उनके माथे पर घंटे के समान चंद्रमा है. इस वजह देवी का नाम चंद्रघंटा है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग, महत्व के बारे में.

शारदीय नवरात्रि 2024 तीसरा दिन
अश्विन शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ: 5 अक्टूबर, आज, 05:30 ए एम से
अश्विन शुक्ल तृतीया तिथि का समापन: 6 अक्टूबर, कल, 07:49 ए एम पर
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, उदयातिथि के आधार पर अश्विन शुक्ल तृतीया आज है.

शारदीय नवरात्रि तीसरा दिन 2024 मुहूर्त और योग
ब्रह्म मुहूर्त: 04:39 ए एम से 05:27 ए एम तक
अभिजित मुहूर्त: 11:46 ए एम से 12:33 पी एम तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:16 ए एम से 09:33 पी एम तक
रवि योग: 09:33 पी एम से 6 अक्टूबर को 06:17 ए एम तक
अमृत काल: 11:41 ए एम से 01:29 पी एम तक
विजय मुहूर्त: 02:07 पी एम से 02:54 पी एम तक

शारदीय नवरात्रि तीसरा दिन 2024 चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 07:44 ए एम से 09:13 ए एम तक
चर-सामान्य मुहूर्त: 12:09 पी एम से 01:37 पी एम तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 01:37 पी एम से 03:06 पी एम तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 03:06 पी एम से 04:34 पी एम तक

मां चंद्रघंटा का पूजा मंत्र
1. ऐं श्रीं शक्तयै नमः
2. ओम देवी चन्द्रघण्टायै नमः
3. स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग
मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय गाय के दूध से बनी खीर, सफेद मिठाई, केला और सेब का भोग लगाएं. ये चीजें मां चंद्रघंटा को प्रिय हैं.

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
नवरात्रि के तीसरे दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ कपड़े पहनें. उसके बाद व्रत और मां चंद्रघंटा की पूजा का संकल्प करें. उसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में मां चंद्रघंटा की पूजा करें. इस योग में की गई पूजा से आपकी मनोकामना की पूर्ति हो सकती हैं. सबसे पहले मां चंद्रघंटा को गंगाजल से स्नान कराएं. फिर उनको अक्षत्, सिंदूर, पीले रंग के फूल, सफेद कमल पुष्प, धूप, दीप, फल, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. इस बीच आपको मां चंद्रघंटा के मंत्र का उच्चारण करना है. फिर देवी चंद्रघंटा को उनका प्रिय भोग खीर, ​दूध से बनी मिठाई, सेब, केला आदि का भोग लगाएं. उसके बाद दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ करें. अंत में मां दुर्गा और मां चंद्रघंटा की आरती करें.

मां चंद्रघंटा की पूजा के फायदे
1. देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से दुश्मनों पर जीत हासिल होती है. मान-सम्मान और प्रभाव बढ़ता है.

2. यश और कीर्ति के साथ मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को मृत्यु के बाद मोक्ष भी प्रदान करती हैं.

3. वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए भी मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं.

4. यदि आपकी कुंडली में शुक्र दोष है तो आप मां चंद्रघंटा की पूजा करें. धन, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी. विवाह का योग बनेगा.

5. जो व्यक्ति देवी चंद्रघंटा की पूजा करता है, उसके परिवार पर आने वाले संकट टल जाते हैं और संतान सुरक्षित र​हती है.