एमसीबी : भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विशेष महत्व है। 25 जनवरी को मनाया जाने वाला यह दिवस न केवल नागरिकों को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को भी सुनिश्चित करता है।1950 में भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में 2011 से शुरू हुए इस दिवस का उद्देश्य युवा मतदाताओं को प्रेरित करना और मतदान प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के नागरिकों ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने के प्रयासों में हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है।
एमसीबी जिले की मतदाताओं की संख्या और उनकी भागीदारी
2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में मतदाताओं की कुल संख्या 2,83,806 है। इनमें नगरीय निकाय क्षेत्र में पुरुष मतदाता 53,381 है। जबकि महिला मतदाता 52,653 और अन्य (थर्ड जेंडर) मतदाता एक है। जबकि कुल मिलाकर नगरीय क्षेत्र में 1,06,035 मतदाता हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पुरुष मतदाता 87,743 है। जबकि महिला मतदाता 90,023 और अन्य मतदाता पांच हैं। इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में कुल 1,77,771 मतदाता हैं। यह आंकड़े न केवल जिले में लोकतांत्रिक भागीदारी को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं के लगभग बराबर है, जो महिलाओं के बढ़ते राजनीतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के आयोजन पर होता है शपथ ग्रहण समारोह
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर जिले में हर वर्ष विशेष आयोजन किए जाते हैं। और 25 जनवरी को जिला निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों के अधिकारी, कर्मचारी और आम नागरिक भाग लेते हैं। इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी को अपने मताधिकार का प्रयोग करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की शपथ दिलाई जाती है। यह समारोह जिले के नागरिकों में लोकतंत्र के प्रति जिम्मेदारी और समर्पण की भावना को सुदृढ़ करता है।
बुजुर्ग मतदाताओं के लिए किया जाता है विशेष प्रबंध
बुजुर्ग मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु विशेष प्रबंध किए जाते हैं। जो बुजुर्ग स्वास्थ्य कारणों से मतदान केंद्र तक नहीं आ सकते, उनके लिए घर पर ही पोस्टल बैलट (डाक मतपत्र) की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर, रैंप और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों को बिना लाइन में खड़े हुए पहले मतदान करने का विशेष अधिकार भी दिया जाता है।
जिले में बढ़ रही महिला मतदाताओं की भागीदारी
महिला मतदाताओं की भूमिका इस जिले में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी दिखाई है। 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। जिसमें यह दर्शाता है कि महिलाएं अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक हो रही हैं। इसके अलावा अन्य (थर्ड जेंडर) मतदाताओं को भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। नगरीय क्षेत्र में एक और ग्रामीण क्षेत्र में पांच अन्य मतदाता दर्ज हैं।
युवाओं को मतदान के लिए किया जाता है प्रेरित
मतदाता कार्ड 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों के लिए बनता है। भारतीय संविधान के अनुसार जिस व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष हो चुकी है, वह अपने निकटतम मतदान केंद्र में जाकर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है। युवाओं को प्रेरित करने के लिए स्कूल और कॉलेज स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इसके साथ ही जिले में मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने और अधिक से अधिक नागरिकों को जोड़ने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यहां का भौगोलिक क्षेत्र पहाड़ी और दुर्गम है, जिससे मतदान केंद्रों तक पहुंचना कई बार कठिन हो जाता है। इसके समाधान के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। यहां अशिक्षा भी एक बड़ी चुनौती है, जिसके कारण कई ग्रामीण मतदाता मतदान के महत्व को नहीं समझ पाते। इसके लिए स्थानीय भाषा में जागरूकता अभियान और शिक्षा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत चलाया जाता है जागरूकता अभियान
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में रैलियों, संगोष्ठियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके जरिए युवाओं और महिलाओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और मतदान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाता है। ग्रामीण इलाकों में लोकगीतों और नाटकों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाती है। जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय भाषा और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए मतदाता शिक्षा पर जोर दिया जाता है।
जागरूता अभियान के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का हो रहा उपयोग
युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है। ई-मतदाता कार्ड, ऑनलाइन मतदाता सूची और वोटिंग प्रक्रिया से संबंधित जानकारी तकनीक के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाई जा रही है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर है। एमसीबी जिले में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। लोकतंत्र की सफलता नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का संदेश यही है कि प्रत्येक नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाए।