
हिंदू धर्म में चैत्र माह का खास महत्व है, क्योंकि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. मान्यता है कि इसी तिथि पर ब्रह्मा जी ने सृष्टी की रचना की थी. ऐसे में इस माह में पड़ने वाले व्रत त्यौहारों का महत्व और बढ़ जाता है. वहीं इस माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का महत्व भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन जगत के पालन हार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी तिथि माह दो बार पड़ती है. यह दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रसन्न करने के लिए अच्छा माना जाता है. तो आइए जान लेते है कि चैत्र के शुभ माह में एकादशी का व्रत कब-कब रखा जाएगा.
चैत्र माह की पहली पापमोचिनी एकादशी कब है?
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस तिथि की शुरुआत 25 मार्च को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 26 मार्च को सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर होगी. उदया तिथि के अनुसार, पापमोचिनी एकादशी का व्रत 25 मार्च मंगलवार को रखा जाएगा.
पापमोचिनी एकादशी व्रत पारण का समय
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है. पापमोचनी एकादशी व्रत पारण का समय दोपहर 1 बजकर 41 मिनट से लेकर 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. इस दौरान व्रती विधि-विधान से पूजा कर व्रत का पारण कर सकते हैं.
चैत्र माह की दूसरी कामदा एकादशी कब है?
हिंदू पंचांक के अनुसार, चैत्र माह कृष्ण पक्ष की एकादशी को कमदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस तिथि की शुरुआत 7 अप्रैल को रात्रि 8 बजे होगी. वहीं तिथि का समापन 8 अप्रैल को रात्रि 9 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत मंगलवार 8 अप्रैल को रखा जाएगा.
कामदा एकादशी व्रत पारण का समय
पंचांग के अनुसार, कामदा एकादशी व्रत पारण का समय सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा कर व्रत का पारण कर सकते हैं.